सार
झारखंड में ऑनलाईन ठगी का मामला बढ़ता ही जा रहा है। आए दिन कोई न कोई व्यक्ति इसका शिकार हो रहा है। ताजा मामलें में एक डॉक्टर को बिजली बिल भरवाने के नाम एप डाउनलोड करवाकर ठगी करने का मामला सामने आया है।
जमशेदपुर (झारखंड): झारखंड में बिजली बिल जमा करने के नाम पर साइबर ठगी का मामला लगातार बढ़ता ही जा रहा है। जमशेदपुर में एक डॉक्टर से साइबर अपराधियों ने बिजली बिल जमा करने के नाम पर 7.48 लाख रुपए की ठगी कर ली है। साकची के बाराद्वारी में रहने वाले डॉक्टर देव कुमार गांगुली की पत्नी को साइबर अपराधियों में अपने झांसे में लिया और डॉक्टर के दो बैंक अकाउंट से रुपयों की अवैध निकासी कर ली। मामले को लेकर डॉक्टर देव कुमार गांगुली ने साइबर थाना में केस दर्ज करवाया है। पुलिस ने केस दर्ज करें मामले की जांच शुरू कर दी है। तीन दिनों पूर्व की साकची के व्यवसाई से बिजली बिल जमा करने के नाम पर साइबर अपराधियों ने 2.67 लाख रुपए की ठगी की थी। जबकि धनबाद रांची समेत राज्य के अन्य जगहों पर बिजली बिल भरने के नाम पर ठगी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है।
जुस्को का अधिकारी बन किया कॉल
साइबर थाना में दिए गए शिकायत में डॉक्टर ने कहा है कि उन्हें 7866973715 से 17 अगस्त को एक कॉल आया था। कॉल करने वाले ने कुछ जुस्को का अधिकारी बताया था। कॉल करने वाले ने कहा कि बिल नहीं भरने पर उनके घर की बिजली काट दी जाएगी। जिसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी को फोन दे दिया। बिजली बिल जमा करने के लिए साइबर अपराधियों ने उनकी पत्नी से क्विक सपोर्ट एप डाउनलोड करवाया। फिर साइबर अपराधी जो बोलते गए पत्नी करती गई। 22 अगस्त को अचानक उन्हें और उनकी पत्नी के मोबाइल पर पैसे निकासी के मैसेज आए। उनके एक बैंक खाते से दो लाख जबकि दूसरे खाते से 5 लाख 48 हजार 28 रुपए के साथ कुल 7 लाख 48 हजार रुपए की अवैध निकासी कर ली गई। डॉक्टर देव कुमार गांगुली चाइल्ड स्पेशलिस्ट हैं।
व्यवसाई को लगाया था 2.67 लाख का चूना
डॉक्टर देव कुमार गांगुली ठगी करने के 2 दिनों पूर्व साइबर अपराधियों ने जमशेदपुर के साकची में रहने वाले व्यवसायी आनंद कांवटिया को बिजली बिल जमा करने के नाम पर 2.67 लाख रुपए का चूना लगाया था। डॉक्टर और व्यवसाई से ठगी का स्टाइल लगभग एक है। व्यवसायी को भी साइबर अपराधियों ने जुस्को का अधिकारी बन फोन किया और बिजली बिल नहीं भरने पर घर की बिजली काट देने की धमकी दी। साइबर अपराधियों में उनसे भी क्विक सपोर्ट एप डाउनलोड करवाया और उनके खाते से पैसों की अवैध निकासी कर ली इन दोनों ही मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और साइबर अपराधियों की तलाश में छापेमारी कर रही है। फिलहाल पुलिस को इन मामलों में कोई सफलता मिलती नहीं दिख रही है।
साइबर एक्सपर्ट व्यू
जमशेदपुर स्थित बिष्टुपुर साइबर थाना के थाना प्रभारी उपेंद्र मंडल ने कहा कि बिजली बिल जमा करने के नाम पर साइबर अपराधी लगातार लोगों को अपने झांसे में ले रहे हैं। इस प्रकार का कोई भी कॉल आने पर लोग पहले बिजली विभाग से संपर्क करें। साथी क्विक सपोर्ट एप, एनीडेस्क एप, क्रेड एप समेत अन्य ऐप डाउनलोड करने से बचें। यह सारे ऐप साइबर अपराधियों नहीं बनाया है। ऐसे ऐप डाउनलोड करा कर सागर अपराधी लोगों को ठगी का शिकार बना रहें हैं।