सार

गिरफ्तारी के समय राजकुमार की कमर से पुलिस ने देसी पिस्तौल ल बरामद किया।  फर्जी अधीकारी बन बारीडीह के एक ठेकेदार के घर छापेमारी करने की तैयारी कर रहा था। जानकारी मिली थी कि सिविल ठेकेदार अपने घर 1000 करोड़ छुपाकर रखे हैं।

जमशेदपुर. फिल्म स्पेशल-26 की तरह जमशेदपुर के सिदगोड़ा में कुछ शातिर फर्जी अधीकारी बन बारीडीह के एक ठेकेदार के घर छापेमारी करने की तैयारी कर रहा था। इससे पहले पुलिस को सूचना मिल गई और उनकी मंशा पर पानी फिर गया। जिस तरह फिल्म में अक्षय कुमार ने सीबीआई की नकली टीम बनाकर व्यापारियों को लूटा था कुछ उसी तरह की प्लानिंग इनकी भी थी। फर्जी छापेमारी करने की तैयारी कर रही टीम को सूचना मिली थी कि बारीडीह के एक सिविल ठेकेदार अपने घर 1000 करोड़ छुपाकर रखा हुआ है। टीम को यह आशंका थी कि रुपए जमीन में गाड़कर रखा गया है। इसी सूचना पर टीम ठेकेदार के घर जाने की तैयारी कर रही थी, तभी गिरोह के दो सदस्य पुलिस के हत्थे चढ़ गए। लेकिन टीम के अन्य 18 लोग भागने में सफल रहे। सभी दो पिकअप वैन, कार व अन्य दूसरे वाहन के साथ फर्जी छापेमारी करने की तैयारी कर रहे थे।

मजदूर भी साथ ले गए थे अपराधी
गिरोह के सदस्य को सूचना मिली थी कि एक हजार करोड़ रुपए जमीन के नीचे दबाकर रखी गई थी। इसके लिए अपराधियों ने मजदूर भी साथ लेकर आए थे, ताकि जमीन की खुदाई की जा सके। इसके अलावा भारी मात्रा में मिलने वाले रुपए को ढोने के लिए दो पिकअप वैन, डाला वाहन और एक टेंपो का इंतजाम भी कर रखा था। विशेष अधिकारी बनकर ठेकेदार के घर पर पहुंचने के लिए कार का भी इंतजाम किया गया था। लेकिन ऐन वक्त पर हरकत में आई पुलिस के कारण घटना को अंजाम नहीं दिया जा सका।

ऐसे पकड़ाए अपराधी
आरोपी छापेमारी की पूरी तैयारी कर ही रहे थे कि किसी ने इसकी सूचना पुलिस को दे दी। इसके बाद टाइगर मोबाइल जवान थाने के वरीय अधिकारियों के साथ पार्क के छोटे गेट के पास पहुंचे। बाइक की आवाज सुनकर सभी वाहन लेकर फरार होने में सफल रहे, जबकि बाइक सवार दो आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। सिदगोड़ा थाना की पुलिस ने दोनों को अदालत में प्रस्तुत किया जहां से दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

पकड़े गए शातिर बिहार और झारखंड के 
पुलिस ने राजकुमार और मो. मुस्तकीम नाम के दो लोगों को पकड़ा है। राजकुमार मूलरूप से बिहार के पटना जिले का रहने वाला है। अभी वह जमशेदपुर में ही किराए के मकान में रह रहा था। जबकि उसका सहयोगी मो. मुस्तकीम लातेहार जिले के बालूमाथ थाना क्षेत्र के ओलेपाट का रहने वाला है। उसके विरुद्ध बड़कागांव रेल थाना में एक आपराधिक मामला पूर्व में दर्ज है। वह चोरी मामले में जेल जा चुका है।

अपराधियों ने कहा- फिल्म स्पेशल 26 से मिली प्रेरणा

पकड़े गए अपराधियों ने बताया कि वह अक्षय कुमार की फिल्म ''स्पेशल 26'' से प्रेरित होकर ऐसी घटनाओं को अंजाम दिया करते थे। इसके लिए वह ईडी व सीबीआइ के अधिकारी तक के फर्जी परिचय पत्र भी बनाकर रखते थे। छापेमारी करने समय खुद को एसपी, डीएसपी बता शिकार को धमकाते थे और हथियार का भय दिखाकर लूटपाट कर नौ दो ग्यारह हो जाते थे। गिरोह पूरी तैयारी के साथ किसी के घर में जा धमकता था। उनके पास हथियार तो होते ही थे, साथ ही मोबाइल जैमर से लेकल सब्बल तक अपने पास रखते हैं। गिरोह के सभी सदस्यों की ड्यूटी बंटी हुई थी। किसे क्या करना है, सभी को अच्छी तरह पता होता था।

सूचना पर पुलिस भी पहुंची ठेकेदार के घर, नहीं मिला 1000 करोड़

इधर, गिरोह के सदस्यों से मिली जानकारी पर पुलिस भी ठेकेदार के घर पहुंची। सूचना को आधार मानकर जमीन की खुदाई भी की गई, लेकिन 1000 करोड़ रुपए कहीं नहीं मिले। एसएसपी प्रभात कुमार ने बताया कि लूटपाट व डकैती करने वाले गिरोह हैं।

कई फर्जी सरकारी परिचय पत्र 
गिरफ्तारी के समय राजकुमार की कमर से पुलिस ने देसी पिस्तौल बरामद किया। साथ ही उसके पीठ पर टंगे लाल रंग के बैग से कई फर्जी मुहर भी बरामद किया गया। इसमें केंद्र व राज्य सरकार के साथ-साथ कई सरकारी विभाग और साकची थाना पुलिस का मुहर भी था। इसके अलावा कई पहचान पत्र भी उसके बैग से मिले, इसमें मिनिस्ट्री ऑफ लेबर एंड ह्यूमन रिसोर्सेज गवर्नमेंट ऑफ इंडिया का पहचान पत्र भी था। अपराधियों के पास से मोबाइल सिग्नल जैमर, 12 वोल्ट की एक बैटरी, 12 वोल्ट का एक डीसी कन्वर्टर, लोहे का सब्बल, पेचकस, प्लास, दो कीपैड मोबाइल फोन और बाइक भी बरामद की गई है।

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