सार

आपने राशि मित्रता, ग्रह मित्रता या भाव मित्रता के बारे में तो सुना ही होगा। यदि आप अपनी राशि के अनुसार मित्र बनाएंगे तो जीवन में लाभ मिलेगा और कभी कोई गंभीर समस्या उत्पन्न नहीं होगी।

उज्जैन. ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के अनुसार, कुंडली में हर भाव का अपना एक अलग महत्व है। कुंडली का 11वां भाव मित्र और आय से संबंधित है। इससे तय होता है कि जीवन में आपके मित्र कैसे होंगे और किन क्षेत्रों से संबंधित होंगे। आगे जानिए इससे जुड़ी खास बातें…

1. ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के अनुसार मित्रता का प्रमुख भाव एकादश है जो आय भाव भी है जिसके जितने अच्छे मित्र होंगे, आय भाव उतना ही मजबूत होगा।
2. इस भाव में यदि सूर्य हो तो ऐसे लोगों की उच्च पदासीन, सत्तासीन व राजनीतिक लोगों से मित्रता होती है।
3. चंद्रमा इस भाव में होने पर ऐसे लोगों के मित्र कलाकार, वायुयान चालक, जहाज के कैप्टन, नाविक आदि मित्र होते हैं।
4. एकादश भाव में मंगल है तो ऐसे लोगों के मित्र खिलाड़ी, पहलवान, कुक आदि प्रकृति के लोग होते हैं।
5. यदि बुध इस भाव में हो तो ऐसे लोगों के मित्र बिजनेस मैन होते हैं।
6. गुरु इस भाव में होने पर व्यक्ति के मित्र बैंकिंग, वित्त धार्मिक आस्था, दार्शनिक आदि किस्म के होते हैं।
7. शुक्र इस भाव में होने पर अभिनय क्षेत्र, स्त्री, कलाकार आदि मित्रों की संख्या अधिक होती है।
8. शनि एकादश भाव में होने पर लोगों के नौकरी पेशा, सेवावृत्ति, अपनी आयु से अधिक उम्र वाले लोगों से मैत्री संबंध होते हैं।
9. यदि इस भाव में राहु या केतू हो तो ऐसे व्यक्ति के छद्म मित्रों व अपनी जाति से अलग लोगों से मित्रों की संख्या अधिक होती है।
10. यदि इस भाव में कोई भी ग्रह नहीं है तो उस पर ग्रहों की दृष्टि और उस भाव की राशि से मित्रता का अनुमान लगाया जा सकता है।

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