सार

16 नवंबर, मंगलवार से सूर्य अपनी नीच तुला राशि से वृश्चिक में प्रवेश कर चुका है। इसी के साथ शादियों का सीजन भी पहले मुहर्त के साथ शुरू हो गया है। मुहूर्त के साथ ग्रह-गोचर के फेर से होने वाली शादियां भी प्रभावित होंगी। ये राशि परिवर्तन नए दांपत्य जीवन की खुशहाली के लिए खास माना जा रहा है।
 

उज्जैन. ज्योतिषियों के अनुसार, सूर्य के राशि परिवर्तन से नवंबर-दिसंबर के बीच शादियों के सबसे बेहतर मुहूर्त बन रहे हैं। हिंदू धर्म शास्त्रों के मुताबिक वृश्चिक मंगल प्रधान राशि है। उसमें सूर्य की युति होने से विवाह के रास्ते खुलते हैं और इस बार ऐसा संयोग बन रहा है। नवंबर-दिसंबर के बीच शुभ संयोग में हुई शादियों से दांपत्य जीवन में सुख और लाभ की स्थिति बनती है।

सर्वार्थसिद्धि योग में गुरु का राशि परिवर्तन
सूर्य की वृश्चिक संक्रांति और सर्वार्थसिद्धि योग के साथ अगहन महीना भी शादियों के लिए काफी खास माना जा रहा है। अगहन महीने की शुरुआत शनिवार से हो रही है। इस दिन यानी 20 नवंबर को दांपत्य सुख और मांगलिक कामों का प्रधान ग्रह बृहस्पति का राशि परिवर्तन होगा। ये ग्रह शनि के साथ युति खत्म कर के अब मकर राशि में रहेगा। इस राशि परिवर्तन से कई लोगों को दांपत्य सुख भी मिलेगा। सर्वार्थसिद्धि योग में बृहस्पति का राशि परिवर्तन शुभ फल को बढ़ाएगा। इस तरह अगहन मास को लक्ष्मी पूजा कर धन-धान्य प्राप्त करने का भी महीना माना जाता है। इस महीने में शंख की पूजा करने का विधान है। इससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

गौ सेवा करने से होगी ऋण मुक्ति
ज्योतिषियों के मुताबिक अगहन महीना धन-धान्य प्राप्ति के अलावा दूसरे मनोकामनाओं की पूर्ति के उद्देश्य से भी खास माना जाता है। इस महीने में लक्ष्मी पूजा कर गाय को गुड़ खिलाने से धन प्राप्ति होती है और ऋण से भी छुटकारा मिलता है। केले के पेड़ की पूजा करने से अविवाहितों के लिए विवाह के योग बनने लगते हैं। इस महीने की छठी तिथि पर देवी कात्यायनी की पूजा करने से संतान चाहने वाले दंपतियों को संतान सुख भी मिलता है।

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