सार
हिंदू धर्म में किसी भी मांगलिक कार्य खासतौर पर विवाह के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व माना जाता है। ज्योतिष में शुभ मुहूर्त निकालने के लिए ग्रह नक्षत्रों की गणना की जाती है। चातुर्मास समाप्त होने के बाद नवंबर माह में देवउठनी एकादशी से विवाह आरंभ हो चुके हैं।
उज्जैन. इस समय पूरे देश में शादियों की धूम मची हुई है। नवंबर मास खत्म होने वाला है और दिसंबर शुरू होने वाला है। दिसंबर में 16 तारीख तक ही विवाह के लिए शुभ मुहूर्त रहेंगे, इसके बाद खरमास होने के कारण मांगलिक कार्यों पर एक बार फिर से रोक लग जाएगी। इसके बाद जनवरी 2022 में ही पुनः विवाह के शुभ मुहूर्त आरंभ होंगे। इसलिए साल के अंतिम बचे मुहूर्तों में शादियों की धूम बनी रहेगी।
दिसंबर में विवाह के शुभ मुहूर्त
01 दिसंबर, बुधवार
02 दिसंबर, बृहस्पतिवार
06 दिसंबर, सोमवार
07 दिसंबर, मंगलवार
11 दिसंबर, शनिवार
13 दिसंबर, सोमवार
कब से कब तक रहेगा खर मास?
हिंदू धर्म में खरमास में विवाह नहीं किए जाते हैं। इस बार 16 दिसंबर 2021 से खरमास लग रहा है, जो 14 जनवरी 2022 तक रहेगा। इसलिए इस समय कोई भी विवाह मुहूर्त नहीं रहेगा। ऐसी मान्यता है कि इस समय सूर्य धनु राशि में होता है, जिसके चलते उसकी शक्ति क्षीण हो जाती है, इसलिए खर मास में विवाह आदि मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है।
खर मास में क्यों नहीं होते शुभ कार्य?
शास्त्रों में बताया गया है कि सूर्य जब तक गुरू की राशि मीन अथवा धनु में होता हैं तब तक का समय खरमास कहलाता है। खरमास को शून्य मास भी कहा जाता है यही कारण है कि इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार सूर्य आत्मा का कारक ग्रह है और गुरू परमात्मा का स्वरूप है। सूर्य के गुरू की राशि में आने पर आत्मा से परमात्मा का मिलन होता है। इसलिए कहा गया है कि खरमास के दौरान जितना संभव हो भगवान की भक्ति और उपासना करनी चाहिए। इस अवधि में भगवान में ध्यान केन्द्रित करना आसान होता है इसलिए भक्ति का फल जल्दी प्राप्त होता है।