सार
ज्योतिष के अनुसार सूर्य के वृश्चिक राशि से धनु में प्रवेश करते ही खर मास (Khar month 2021) प्रारम्भ हो जाता है। धर्म ग्रंथों और ज्योतिष शास्त्र में इस मास का विशेष महत्व बताया गया है। इस मास में भगवान विष्णु के साथ सूर्यदेवता की पूजा का भी विशेष महत्व है। इस बार 16 दिसंबर से खर मास प्रारंभ हो चुका है, जो 14 जनवरी 2022 तक रहेगा।
उज्जैन. विद्वानों का मानना है कि खर मास के दौरान कोई भी मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए और न ही किसी नए कार्य की शुरुआत। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, यदि इस समय अपनी राशि के स्वामी की आराधना, अपने ईष्ट देव के साथ की जाए तो बहुत ही शुभ फल प्राप्त होता है व हर मनोकामना पूरी होती है। आप भी जानिए खर मास में राशि अनुसार किस व्यक्ति को किसकी पूजा करना लाभदायक रहता है…
1. मेष तथा वृश्चिक राशि वालों को अपनी राशि के स्वामी मंगल देवता के साथ-साथ हनुमानजी तथा भगवान श्रीराम की उपासना करनी चाहिए।
2. वृषभ तथा तुला राशि वालों को अपनी राशि के स्वामी शुक्र देवता के साथ-साथ माता दुर्गा की आराधना करनी चाहिए।
3. मिथुन तथा कन्या राशि वालों को अपनी राशि के स्वामी बुध देवता के साथ-साथ गणपति भगवान की उपासना करनी चाहिए।
4. कर्क राशि वालों को अपनी राशि के स्वामी चन्द्रमा के साथ-साथ भगवान शिव की आराधना करना लाभप्रद रहेगा।
5. सिंह राशि वालों को अपनी राशि के स्वामी सूर्य के साथ-साथ मां गायत्री एवं हनुमानजी की आराधना करनी चाहिए।
6. धनु तथा मीन राशि वालों को अपनी राशि के स्वामी देवगुरू बृहस्पति के साथ-साथ माता लक्ष्मी एवं भगवान विष्णु की आराधना करनी चाहिए।
7. मकर तथा कुंभ राशि वालों को अपनी राशि के स्वामी शनिदेव के साथ-साथ हनुमानजी एवं भैरव बाबा की उपासना करनी चाहिए ताकि शुभ फलों की प्राप्ति हो सके।
क्यों खास है ये महीना?
खर मास में सूर्य धनु राशि में होता है। धनु देवताओं के गुरु बृहस्पति की राशि है। ऐसी मान्यता है कि सूर्य के जब धनु राशि में होते हैं तो वे अपने गुरु बृहस्पति की सेवा में होते हैं और इसी वजह से इस दौरान मांगलिक कार्यों पर रोक होती है। धार्मिक दृष्टिकोण से देखे तो इस महीने में भगवान विष्णु और सूर्यदेव की पूजा का विशेष महत्व है। साथ ही इस मास में जरूरतमंदों को गर्म कपड़े व गर्म भोजन भी दान करना चाहिए। इससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
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