सार
आज (18 जनवरी, मंगलवार) साल का पहला पुष्य नक्षत्र (Pushya Nakshatra 2022) होने से मंगल पुष्य का संयोग बन रहा है। वार और नक्षत्र के इस संयोग से वर्धमान नाम का शुभ योग भी रहेगा। पुष्य नक्षत्र महीने में एक बार आता है। इस तरह साल में 12 दिन पुष्य नक्षत्र वाले होते हैं।
उज्जैन. साल 2022 में 17 दिन पुष्य नक्षत्र का संयोग होना समृद्धि का संकेत है। इनमें 4 ऐसे संयोग रहेंगे जिनमें दो दिन ये नक्षत्र रहेगा। पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र के अनुसार, पुष्य नक्षत्र शुभ कामों और खरीदारी के लिए श्रेष्ठ होता है। इसके संयोग वाला दिन समृद्धि का होता है। ज्योतिष में इस नक्षत्र (Pushya Nakshatra 2022) को अमरता और समृद्धि देने वाला माना गया है। 2022 में दो दिन रवि और दो दिन गुरु पुष्य नक्षत्र रहेगा।
पुष्य नक्षत्र में की गई खरीदारी होती है शुभ
- पुष्य नक्षत्र में की गई खरीदारी और बिक्री मंगलकारी होती है। ये ही वजह है कि कई लोग इस दिन खरीदारी करते हैं।
- इस साल के पहले पुष्य नक्षत्र योग की शुरुआत 18 जनवरी यानी आज से हो रही है। मंगलवार होने से ये भौम पुष्य माना जाएगा।
- 27 नक्षत्रों में पुष्य को सर्वाधिक शुभ माना जाता है। इस नक्षत्र को तिष्य और अमरेज्य भी कहते हैं। इन सत्ताइस में आठवां नक्षत्र पुष्य होता है।
- इस नक्षत्र का महत्व रविवार और गुरुवार के दिन होता है। पुष्य नक्षत्र शनि, गुरु और चंद्र का प्रभाव रहने से यह खरीदारी और नए कार्य की शुरुआत के लिए काफी मंगलकारी माना गया है।
शनि और गुरु का नक्षत्र
- पुष्य को नक्षत्रों का राजा कहा जाता है। पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनि देव होते हैं लेकिन देव गुरु बृहस्पति को इस नक्षत्र के अधिष्ठाता देव माने जाते हैं।
- जब चंद्रमा अपनी राशि यानी कर्क में आता है तो कर्क राशि में 3 अंश 40 कला से 16 अंश 40 कला तक पुष्य नक्षत्र होता है। इस नक्षत्र को पोषण करने वाला माना जाता है।
- शनि के कारण इस नक्षत्र में किए गए काम लंबे समय तक फायदा देने वाले होते हैं और बृहस्पति के प्रभाव से ये शुभदायी और समृद्धि देने वाला होता है।
इस साल शनि और गुरु रहेंगे अपनी-अपनी राशि में
- ज्योतिषाचार्य डॉ. मिश्र के अनुसार, इस साल शनि और गुरु अपनी ही राशियों रहेंगे। इस कारण शनि से शश और बृहस्पति से हंस नाम का महापुरुष बनेंगे।
- ये शुभ योग धनधान्य व ऐश्वर्य बढ़ाने वाले रहेंगे। इस साल शनि पहले मकर और फिर कुंभ में रहेगा। शनि की अपनी ही राशि में होने से इसका असर और बढ़ जाएगा।
- बृहस्पति ग्रह अप्रैल में शनि की राशि कुंभ से निकलकर खुद की राशि मीन आ जाएगा। मीन राशि में गुरु के आने से इसका शुभ प्रभाव बढ़ेगा। जिससे पुष्य नक्षत्र में किए गए कामों में सफलता और समृद्धि और बढ़ जाएगी।
2022 में पुष्य नक्षत्र की तारीखें
18 जनवरी- मंगल पुष्य
14-15 फरवरी- सोम और मंगल पुष्य
14 मार्च- सोम पुष्य
10 अप्रैल- रवि पुष्य
7-8 मई- शनि और रवि पुष्य
4 जून- शनि पुष्य
1 जुलाई- शुक्र पुष्य
28 जुलाई- गुरु पुष्य
24-25 अगस्त- बुध और गुरु पुष्य
21 सितंबर- बुध पुष्य
18 अक्टूबर- मंगल पुष्य
14-15 नवंबर- सोम और मंगल पुष्य
12 दिसंबर- सोम पुष्य
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