सार
हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार ये तिथि महीने में दो बार आती है यानी एक साल में 24 बार। इन सभी एकादशी की विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इस बार 30 दिसंबर, गुरुवार को पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी है। इसे सफला एकादशी (Saphala Ekadashi 2021) कहते हैं।
उज्जैन. सफला एकादशी (Saphala Ekadashi 2021) का व्रत करने से व्यक्ति को एक हजार वर्षों की तपस्या से प्राप्त पुण्य के समान फल की प्राप्ति होती है। इस व्रत को करने से व्यक्ति के सभी दुखों का नाश होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। सफला एकादशी का महत्व सनातन शास्त्र में विस्तार से बताया गया है। एकादशी में रात्रि जागरण का विधान है। ज्योतिषियों के अनुसार, एकादशी पर यदि कुछ विशेष मंत्रों का जाप किया जाए तो घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। आगे जानिए सफला एकादशी पर किन मंत्रों का जाप करना चाहिए…
सफला एकादशी का शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि प्रारम्भ - 29 दिसंबर, 2021 बुधवार दोपहर 04:12 मिनट से
एकादशी तिथि समाप्त -30 दिसंबर 2021 गुरुवार दोपहर 01: 40 मिनट तक
सफला एकादशी व्रत का पारण मुहूर्त- 31 दिसंबर 2021, शुक्रवार सुबह 07:14 मिनट से सुबह 09:18 मिनट तक
विष्णु मंत्र
1. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
2.ॐ ह्रीं श्री लक्ष्मीवासुदेवाय नमः
3.ॐ नमो नारायण
लक्ष्मी विनायक मंत्र
दन्ताभये चक्र दरो दधानं, कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।
धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया, लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।
धन-वैभव प्राप्ति हेतु मंत्र
ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।।
विष्णु के पंचरूप मंत्र
ॐ अं वासुदेवाय नम:
ॐ आं संकर्षणाय नम:
ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:
ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:
ॐ नारायणाय नम:
ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान।
यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते।।
इस विधि से करें मंत्रों का जाप
1. सफला एकादशी की सुबह स्नान आदि करने के बाद साफ कपड़े पहनें। संभव हो तो पीले रंग की धोती पहनें।
2. इसके बाद किसी साफ स्थान पर चौकी स्थापित कर भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
3. पीले कपड़े पहनकर भगवान विष्णु को गाय के दूध से, फिर शंख में गंगाजल भर कर स्नान कराएं।
4. भगवान विष्णु को पीले कपड़े पहनाएं और धूप, दीप से पूजा करें।
5. पूजा में पीले फूल, फल और पीले चंदन से उनका शृंगार करें उन्हें तुलसी मिला पंचामृत जरूर अर्पित करें।
6. इसके बाद तुलसी की माला से ऊपर बताए गए किसी 1 मंत्र का जाप करें। कम से कम 11 माला जाप अवश्य करें।
7. इस प्रकार मंत्र जाप करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और सभी तरह की परेशानियां दूर होती हैं।
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