सार
वास्तु शास्त्र में प्रत्येक दिशा का अपना एक अलग महत्व बताया गया है। यदि किसी व्यक्ति के जीवन में परेशानियां आ रही हो तो इसका संबंध घर के वास्तु से भी हो सकता है।
उज्जैन. वास्तु शास्त्र में बाथरूम और शौचालय बनाने को लेकर भी बहुत महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए हैं। यदि इनका निर्माण करते हुए वास्तु को ध्यान में न रखा जाए तो नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। बाथरूम और शौचालय से जुड़े वास्तु दोषों के बारे में…
1. आज-कल ज्यादातर घरों में शौचालय और बाथरूम एक साथ ही बनवा दिया जाता है। ये एक वास्तुदोष है, जिसके कारण परेशानियों का सामना करना पड़ता है। परिवार में कलह की स्थिति उत्पन्न होती है। पति-पत्नी में भी मनमुटाव बना रहता है।
2. बाथरूम को चंद्रमा का स्थान माना गया है तो वहीं शौचालय को राहु का स्थान माना गया है। यदि स्नानगृह और शौचालय एक साथ बना दिया जाए तो उसका सीधा सा अर्थ होता है राहु और चंद्र का एकसाथ होना।
3. ये दोनों ग्रह एक दूसरे के परम शत्रु हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार राहु के कारण ही चंद्रमा पर ग्रहण लगता है, इसलिए यदि घर में बाथरूम और शौचालय एक साथ बना हो तो चंद्रमा में दोष लगता है और पूरा घर दूषित हो जाता है।
4. शास्त्रों में भी चंद्रमा को अमृत और राहु को विष माना गया है। बाथरूम और शौचालय का एकसाथ होना विष और अमृत की युक्ति होने के समान होता है। जो एक दूसरे से बिलकुल विपरीत हैं, इसलिए इसके दुष्परिणाम हो सकते हैं।
5. स्नानगृह और शौचालय को एक साथ बनाने से वास्तु का नियम भंग होता है। इसके कारण आपके घर में नकारात्मकता का प्रवाह होने लगता है, जो आपके परिवार में अलगाव का कारण बनता है।
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