सार
इस बार चैत्र नवरात्रि 25 मार्च, बुधवार से शुरू होगी और 2 अप्रैल को इसका समापन होगा। इस नवरात्रि में चार सर्वार्थसिद्धि, एक अमृतसिद्धि और एक रवियोग भी आएगा।
उज्जैन. ज्योतिर्विज्ञान के अनुसार प्रतिपदा तिथि 24 मार्च मंगलवार दोपहर 2.58 बजे शुरू होगी और बुधवार शाम 5.26 बजे तक रहेगी। इस दिन ब्रह्म योग, रेवती नक्षत्र, करण वालब, राशि मीन और राशि स्वामी गुरु है। इन शुभ योगों में देवी पूजन से सभी कामों में सफलता प्राप्त होगी।
गुरु 30 को मकर में प्रवेश करेंगे
इन शुभ योगों के साथ शनिदेव स्वयं की मकर राशि में विराजित हैं। देवताओं के गुरु बृहस्पति 30 मार्च की सुबह मकर में 3.48 बजे प्रवेश करेंगे। पराक्रम के प्रतीक मंगल के साथ मकर राशि में शुभ ग्रह विराजे है। मीन में सूर्य, कुंभ में बुध, मिथुन में राहु, धनु में केतु, वृषभ में शुक्र और चंद्रमा रहेंगे। ग्रह योगों के संयोग से नवरात्रि आराधकों की मनोकामना पूर्ति में सहायक होगी।
किस दिन कौन सा योग
- 25 मार्च- गुड़ी पड़वा बसंती नवरात्र शुरू
- 26 मार्च- सर्वार्थ सिद्धि योग
- 27 मार्च- सर्वार्थ सिद्धि योग
- 28 मार्च- तिथि चतुर्थी
- 29 मार्च- रवि योग
- 30 मार्च- सर्वार्थसिद्धि व अमृत योग
- 31 मार्च- सप्तमी तिथि
- 1 अप्रैल- अष्टमी तिथि
- 2 अप्रैल- रामनवमी, सर्वार्थ सिद्धि योग
होरा अनुसार घट स्थापना के शुभ मुहूर्त
- 25 मार्च को घट स्थापना सुबह 6.25 से 9.30 तक। यह बुध और चंद्रमा की होरा है। इस होरा में घट स्थापना करने से मानसिक शांति, उत्तम स्वास्थ्य, मनोकामना पूर्ति होने की मान्यता है।
- सुबह 11 से दोपहर 12.32 तक। यह सूर्य और शुक्र की होरा है। इस होरा में घट स्थापना करने से मान पद प्रतिष्ठा, ऐश्वर्या में वृद्धि होने की मान्यता है।
- दोपहर 3.35 से 5.34 तक। यह बृहस्पति और मंगल की होरा है। इस होरा में घट स्थापना करने से पराक्रम में वृद्धि, उत्साह, पद और प्रतिष्ठा, धन, सुख, सौभाग्य की प्राप्ति की मान्यता है।