सार
व्यक्ति के जन्म के समय कुंडली में ग्रहों की शुभ-अशुभ जैसी भी स्थिति होती है, ठीक वैसा ही असर जीवनभर बना रहता है। नौ ग्रहों में शनि का स्थान काफी खास रहता है।
उज्जैन. ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार, आपकी कुंडली में शनि किस भाव में है, ये देखकर जानिए आप पर शनि का कैसा असर है। ध्यान रखें यहां सिर्फ शनि के आधार पर शुभ-अशुभ असर बताए गए हैं। अन्य ग्रहों के साथ शनि की युति या योगों के कारण शनि के फल बदल भी सकते हैं।
1. जिस व्यक्ति की कुंडली में शनि पहले भाव में हो, वह व्यक्ति सुखी जीवन जीने वाला होता है।
2. दूसरे भाव में शनि हो तो व्यक्ति दिखने में सामान्य, लालची, विदेश से धन लाभ प्राप्त करने वाला हो सकता है।
3. तीसरे भाव में शनि हो तो व्यक्ति संस्कारी, सुंदर और चतुर होता है।
4. जिस व्यक्ति की कुंडली में शनि चौथे भाव में है तो व्यक्ति रोगी, दुखी, वाहन, धन की कमी का सामना करता है।
5. कुंडली के पांचवें भाव में शनि हो तो वह व्यक्ति किसी भी काम में आसानी से सफल नहीं हो पाता है। इस कारण दुखी रहता है।
6. जिस व्यक्ति की कुंडली के शनि छठे भाव में है, वह सुंदर, अधिक खाने वाला और शत्रुओं को जीतने वाला होता है।
7. सातवें भाव में शनि होने पर व्यक्ति अधिकतर रोगी बना रहता है और धन की कमी का सामना करता है।
8. अष्टम भाव में शनि होने पर व्यक्ति कार्यों में कड़ी मेहनत करता है, लेकिन आसानी से सफल नहीं हो पाता है।
9. ऐसा व्यक्ति जिसकी कुंडली के नवम भाव में शनि है, वह धर्म में रुचि नहीं रखता है और चतुराई से धन कमाता है।
10. दशम भाव का शनि होने पर व्यक्ति धनी, धार्मिक, राज्यमंत्री या उच्चपद पर आसीन होता है।
11. यदि किसी व्यक्ति की कुंडली के ग्याहरवें भाव में शनि हो तो वह लंबी उम्र प्राप्त करता है। ऐसे व्यक्ति को सभी सुख प्राप्त होते हैं।
12. बारहवें भाव में शनि होने पर व्यक्ति का मन अशांत रहता है। इन लोगों की कमाई कम और खर्च अधिक होते हैं।