सार
इन दिनों पौष मास चल रहा है। धर्म ग्रंथों में इस महीने का विशेष महत्व बताया गया है। उसके अनुसार, इस महीने में रोज सूर्यदेव को जल चढ़ाने से खराब किस्मत भी चमक सकती है।
उज्जैन. गीताप्रेस गोरखपुर द्वारा प्रकाशित संक्षिप्त गरुड़ पुराण के ब्राह्म पर्व में सूर्य पूजा से जुड़ी खास बातें बताई गई हैं। यहां जानिए खासतौर पर किन लोगों को सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए और इस उपाय से कौन-कौन से लाभ मिलते हैं…
1. जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर हो।
2. जिनमें आत्म-विश्वास की कमी हो।
3. जो भीड़ में घबराते हों।
4. जो निराशावादी हों, जिन पर नकारात्मकता हावी रहती हो।
5. जिन्हें हमेशा कोई अज्ञात भय सताता रहता है।
6. जिन लोगों को घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान चाहिए।
इन सभी 6 लोगों को रोज सुबह जल्दी उठकर सूर्य को जल जढ़ाना चाहिए।
ये हैं सूर्य को जल चढ़ाने का सरल तरीका
- सूर्यदेव को जल चढ़ाने के लिए रोज सुबह जल्दी बिस्तर छोड़ देना चाहिए। स्नान के बाद तांबे के लोटे से सूर्य को अर्घ्य अर्पित करें। जल चढ़ाते समय दोनों हाथों से लोटे को पकड़कर रखना चाहिए।
- लोटे में जल के साथ ही लाल फूल, कुमकुम और चावल भी जरूर डालना चाहिए।
- सूर्य को अर्घ्य देते समय जल की गिरती धार से सूर्य की किरणों को जरूर देखना चाहिए।
- पूर्व दिशा की ओर ही मुख करके ही सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए।
- ध्यान रखें जल चढ़ाते समय जमीन पर गिरा हुआ आपके पैरों तक नहीं पहुंचना चाहिए। किसी ऐसी जगह से सूर्य को जल चढ़ाएं, जहां से सूर्य को अर्पित किया गया किसी के पैरों में न आए।
- जल चढ़ाते समय सूर्य मंत्र ऊँ सूर्याय नम: का जाप करते रहना चाहिए।