सार
बुधवार को पहले पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र होने से स्थिर और प्रवर्ध नाम के 2 शुभ योग इस दिन बन रहे हैं। इस दिन राहुकाल दोपहर 12:23 से 02:01 तक रहेगा।
उज्जैन. हम बचपन से ही ग्रह-नक्षत्रों के बारे में पढ़ते और सुनते आ रहे हैं। वैसे तो खगोल शास्त्र का विषय हैं, लेकिन हिंदू धर्म में इन्हें ज्योतिष और धर्म से भी जोड़कर देखा जाता है। हमारे सौर मंडल में स्थित सभी 9 ग्रह किसी न किसी तरह हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं ऐसा ज्योतिष शास्त्र में बताया जाता है। ग्रह नक्षत्रों का संपूर्ण जानकारी पंचांग में दी जाती है। पंचांग वैदिक काल से ही सनातन धर्म में काल गणना का एक प्रमुख अंग रहा है। हर साल का नया पंचांग बनाया जाता है, जिसमें हर दिन के शुभ मुहूर्त, राहुकाल आदि की संपूर्ण जानकारी दी जाती है। ज्योतिषियों के अनुसार, पंचांग मुख्य रूप से 5 अंगों से मिलकर बनता है, इसीलिए इसे पंचांग कहते हैं- ये हैं करण, तिथि, नक्षत्र, वार और योग। आगे जानिए पंचांग से जुड़ी खास बातें…
11 मई का पंचांग (Aaj Ka Panchang 11 May 2022)
11 मई 2022, दिन बुधवार को वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है। बुधवार को सूर्योदय पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में होगा जो शाम 4 बजे तक रहेगा, इसके बाद उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। बुधवार को पहले पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र होने से स्थिर और प्रवर्ध नाम के 2 शुभ योग इस दिन बन रहे हैं। इस दिन राहुकाल दोपहर 12:23 से 02:01 तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।
बुधवार को क्यों करते हैं भगवान श्रीगणेश की पूजा?
हिंदू धर्म में बुधवार को भगवान श्रीगणेश से संबंधित माना जाता है। इस दिन भगवान श्रीगणेश के निमित्त व्रत रखा जाता है और विशेष पूजा भी की जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता पार्वती ने जब अपने मैल से भगवान श्रीगणेश की रचना कर उसमें प्राण डाले तो उस समय बुध देवता वहीं उपस्थित थे। बुध देव के वहां होने से भगवान श्रीगणेश की आराधना के लिए बुधवार का दिन तय किया गया। तभी से भगवान श्रीगणेश को बुधवार का प्रतिनिधि देवता मानकर इस दिन इनकी पूजा करने का विधान बनाया गया।
ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार से होगी...
बुधवार की रात लगभग 10 बजे चंद्रमा राशि परिवर्तन कर सिंह से कन्या में प्रवेश करेगा। बुध ग्रह वृषभ राशि में वक्री अवस्था में रहेगा, सूर्य और राहु मेष राशि में, शुक्र और गुरु मीन राशि में, केतु तुला राशि में और मंगल कुंभ राशि में और शनि कुंभ राशि में रहेगा। बुधवार को उत्तर दिशा की यात्रा करने से बचना चाहिए। यदि निकलना पड़े तो तिल या धनिया खाकर घर से बाहर निकलें।
11 मई के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रमी संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- वैशाख
पक्ष- शुक्ल
दिन- बुधवार
ऋतु- ग्रीष्म
तिथि- दशमी तिथि शाम 07:31 तक, इसके बाद एकादशी तिथि आरंभ हो जाएगी।
नक्षत्र- पूर्वा और उत्तरा फाल्गुनी
करण- गर और वणिज
सूर्योदय - 5:51 AM
सूर्यास्त - 6:54 PM
चन्द्रोदय - 11 2:18 PM
चन्द्रास्त - 12 3:07 AM
अभिजीत मुहूर्त – इस दिन अभिजीत मुहूर्त नहीं है।
11 मई का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 7:29 AM – 9:07 AM
कुलिक - 10:45 AM – 12:23 PM
दुर्मुहूर्त - 11:57 AM – 12:49 PM
वर्ज्यम् - 02:40 AM – 04:17 AM
ये 9 ग्रह डालते हैं हमारी लाइफ पर असर…
ज्योतिष शास्त्र में 9 ग्रह बताए गए हैं, जो प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से हमारे जीवन पर असर डालते हैं। ये हैं वो 9 ग्रह…
सूर्य: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य से हमारे जीवन में मान-सम्मान दिलाता है। सूर्य के अशुभ होने पर पिता से नहीं बनती और पैतृक संपत्ति भी नहीं मिलती। ये ग्रह 30 दिनों में राशि बदलता है।
चंद्रमा: ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक होता है। इसकी गति सबसे अधिक होती है। ये ग्रह मात्र सवा दो दिन में ही राशि बदल लेता है। चंद्रमा अशुभ होने पर मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है।
मंगल: ये ग्रह सौर मंडल का सेनापति कहा जाता है। जिसकी कुंडली में ये ग्रह शुभ होता है, वह सेना, पुलिस आदि में अपना नाम कमाता है और उसके पास अचल संपत्ति भी होती है। ये ग्रह लगभग 45 दिन तक एक राशि में रहता है।
बुध: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बुध ग्रह बुद्धि और वाणी का कारक माना जाता है। ये ग्रह 21 से 28 दिन में राशि परिवर्तन करता है।
बृहस्पति: ये ग्रह देवताओं का गुरु कहा जाता है। विवाह आदि शुभ कार्यों में इस ग्रह की स्थिति जरूर देखी जाती है। ये ग्रह 12 से 13 महीने के बीच में राशि बदलता है।
शुक्र: ये ग्रह सुख-संपदा का प्रतीक माना गया है। कुंडली में शुक्र की स्थिति शुभ होने पर सभी तरह की सुख सुविधाएं मिलती हैं। ये एक राशि में लगभग 23 दिनों तक रहता है।
शनि: इस ग्रह को न्यायाधीश भी कहते हैं। मनुष्य को उनके अच्छे-बुरे कर्मों का फल ये ही प्रदान करते हैं। शनि ढाई साल में एक बार राशि बदलता है।
राहु और केतु: ज्योतिष शास्त्र में इन दोनों को पाप ग्रह माना जाता हैं। ये ग्रह हमेशा वक्री यानी उल्टी चाल ही चलते हैं। ये दोनों एक साथ राशि बदलते हैं। इनके राशि परिवर्तन का समय 18 महीने है।