सार

15 मई 2022, दिन रविवार को वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी दोपहर लगभग 12.45 तक रहेगी, इसके बाद पूर्णिमा तिथि आरंभ हो जाएगी, जो रात अंत तक रहेगी। इस दिन व्रत की पूर्णिमा रहेगी और कूर्म जयंती का पर्व भी मनाया जाएगा।

उज्जैन. हिंदू धर्म में ज्योतिष का विशेष महत्व है क्योंकि इसी के माध्मय से शुभ कार्यों के लिए मुहूर्त आदि निकाला जाता है। वैसे तो ज्योतिष शास्त्र बहुत विशाल है। इसकी कई शाखाएं भी हैं, जिनके बारे में जानना और समझना बहुत ही मुश्किल है। इन सभी को संक्षिप्त रूप में पंचांग में समाहित किया गया है। पंचांग में वो सभी जानकारी आसानी से मिल जाती है, जो हमारे लिए जरूरी है। ग्रह- नक्षत्रों से संबंधित पूरी जानकारी भी पंचांग से पता की जा सकती है। ज्योतिषियों के अनुसार हर साल का नया पंचांग बनाया जाता है, लेकिन ये अंग्रेजी कैलेंडर पर आधारित न होकर हिंदू नववर्ष पर आधारित होता है। पंचांग मुख्य रूप से 5 अंगों से मिलकर बनता है, इसीलिए इसे पंचांग कहते हैं- ये हैं करण, तिथि, नक्षत्र, वार और योग। आगे जानिए पंचांग से जुड़ी खास बातें…

15 मई का पंचांग (Aaj Ka Panchang 15 May 2022)
15 मई 2022, दिन रविवार को वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी दोपहर लगभग 12.45 तक रहेगी, इसके बाद पूर्णिमा तिथि आरंभ हो जाएगी, जो रात अंत तक रहेगी।
इस दिन व्रत की पूर्णिमा रहेगी और कूर्म जयंती का पर्व भी मनाया जाएगा। रविवार को सूर्योदय स्वाती नक्षत्र में होगा, जो दोपहर 3 बजे तक रहेगा। इसके बाद विशाखा नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। रविवार को पहले स्वाती नक्षत्र होने से लुंबक और उसके बाद विशाख नक्षत्र होने से उत्पात नाम के 2 अशुभ योग इस दिन बन रहे हैं। इस दिन राहुकाल शाम 05:18 से 06:57 तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।   

15 मई को किया जाएगा पूर्णिमा व्रत
15 मई, रविवार को पहले चतुर्दशी तिथि रहेगी, इसके बाद पूर्णिमा तिथि शुरू हो जाएगी। चूंकि रविवार पूर्णिमा तिथि में चंद्रोदय होगा, इसलिए व्रत करना इसी दिन श्रेष्ठ रहेगा। इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करें सत्यनारायण भगवान की कथा करवाएं। भगवान विष्णु के दूसरे अवतार कूर्म की पूजा भी इसी दिन की जाएगी। यानी इसी दिन कूर्म अवतार प्रकटोत्सव पर्व भी मनाया जाएगा। 

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार से होगी...
रविवार को सूर्य राशि बदलकर मेष से वृषभ में प्रवेश करेंगे। इस दिन चंद्रमा तुला में,  बुध वृषभ राशि में (वक्री अस्त), मंगल और शनि कुंभ राशि में, सूर्य और राहु मेष राशि में, शुक्र और गुरु मीन राशि में, केतु तुला राशि में रहेगा। रविवार को पश्चिम दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि करनी पड़े तो दलिया, घी या पान खाकर ही घर से निकलें।

15 मई के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रमी संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- वैशाख
पक्ष- शुक्ल
दिन- रविवार
ऋतु- ग्रीष्म
नक्षत्र- स्वाती और विशाखा
करण- वणिज और विष्टि
सूर्योदय - 5:49 AM
सूर्यास्त - 6:56 PM
चन्द्रोदय - 15 6:16 PM
चन्द्रास्त - 16 5:40 AM
अभिजीत मुहूर्त- 11:56 AM – 12:49 PM

15 मई का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड- 12:23 PM – 2:01 PM
कुलिक- 3:40 PM – 5:18 PM
दुर्मुहूर्त- 05:11 PM – 06:04 PM
वर्ज्यम्- 08:39 PM – 10:05 PM

चंद्रमा से बनता है ये अशुभ योग
ज्योतिष शास्त्र में अनेक अशुभ योगों के बारे में बताया गया है। ऐसा ही एक अशुभ योग है केमद्रुम। ये अशुभ योग चंद्रमा के कारण बनता है। जिस व्यक्ति की कुंडली में ये योग होता है, उसे पत्नी, संतान, धन, घर, वाहन, व्यवसाय, माता-पिता आदि से सुख प्राप्त नहीं होता। यदि कोई बहुत धनवान परिवार से संबंधित है और उसकी कुंडली केमद्रुम योग है तो वह धन का सुख प्राप्त नहीं कर पाएगा। जानिए कैसे बनता है ये योग…
1. कुंडली में जब चंद्रमा से द्वितीय और द्वादश इन दोनों भावों में कोई ग्रह न हो तो केमद्रुम योग बनता है।
2. चंद्र की किसी ग्रह से युति न हो या चंद्र पर किसी शुभ की दृष्टि नहीं पड़ रही हो तो केमद्रुम योग बनता है।
3. केमद्रुम योग में छाया ग्रह राहु-केतु की गणना नहीं की जाती है।