सार
Aaj Ka Panchang: 17 सितंबर, शनिवार को पहले रोहिणी नक्षत्र होने से श्रीवत्स और बाद में मृगशिरा नक्षत्र होने से वज्र नाम का अशुभ योग बनेगा। इनके अलावा इस दिन द्विपुष्कर, सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि नाम के 3 अन्य शुभ योग भी रहेंगे।
उज्जैन. हिंदू पंचांग में एक साल को 12 महीनों में बांटा गया है। इन महीनों का क्रम इस प्रकार है- चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, सावन, भादौ, आश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ, फाल्गुन। इनके अलावा हर तीसरे साल अधिक मास भी आता है। वो साल 12 महीनों का न होकर 13 महीनों का माना जाता है। ये अधिक मास किसी भी महीने के बीच में आता है यानी कृष्ण पक्ष निकल जाने के बाद। अधिक मास के माध्मय से ही सौर और चंद्रमा वर्ष का अंतर दूर किया जाता है। आगे जानिए आज के पंचांग से जुड़ी खास बातें…
आज किया जाएगा महालक्ष्मी व्रत
धर्म ग्रंथों के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को महालक्ष्मी व्रत किया जाता है। इस दिन हाथी पर बैठी देवी लक्ष्मी की पूजा का विधान है। इसलिए इसे गजलक्ष्मी व्रत भी कहते हैं। कुछ स्थानों पर तो सिर्फ मिट्टी के हाथी की पूजा करने की परंपरा है। मान्यता है कि पांडवों की माता कुंती ने भी ये व्रत किया था। इसके लिए अर्जुन स्वर्ग देवराज इंद्र के हाथी ऐरावत को धरती पर लेकर आए थे।
17 सितंबर का पंचांग (Aaj Ka Panchang 17 september 2022)
17 सितंबर 2022, दिन शनिवार को आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि दोपहर 02.14 तक रहेगी, इसके बाद अष्टमी तिथि आरंभ हो जाएगी। इस दिन महालक्ष्मी व्रत और विश्वकर्मा पूजा का पर्व मनाया जाएगा। शनिवार को रोहिणी नक्षत्र दोपहर 12.21 तक रहेगा, इसके बाद मृगशिरा नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। शनिवार को पहले रोहिणी नक्षत्र होने से श्रीवत्स और बाद में मृगशिरा नक्षत्र होने से वज्र नाम का अशुभ योग बनेगा। इनके अलावा इस दिन द्विपुष्कर, सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि नाम के 3 अन्य शुभ योग भी रहेंगे। इस दिन राहुकाल सुबह 09:19 से 10:50 तक रहेगा।
ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार रहेगी...
शनिवार को सूर्य राशि बदलकर सिंह से कन्या में प्रवेश करेगा, वहीं चंद्रमा वृष से मिथुन राशि में। इस दिन बुध ग्रह कन्या में (वक्री), शुक्र सिंह राशि में, मंगल वृष राशि में, शनि मकर राशि में (वक्री), राहु मेष राशि में, गुरु मीन राशि में (वक्री) और केतु तुला राशि में रहेंगे। शनिवार को पूर्व दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए। पूर्व दिशा में यात्रा करना पड़े तो अदरक, उड़द या तिल खाकर घर से निकलें।
17 सितंबर के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- आश्विन
पक्ष-कृष्ण
दिन- शनिवार
ऋतु- शरद
नक्षत्र- रोहिणी और मृगशिरा
करण- बव और बालव
सूर्योदय - 6:17 AM
सूर्यास्त - 6:25 PM
चन्द्रोदय - Sep 17 11:20 PM
चन्द्रास्त - Sep 17 12:34 PM
अभिजीत मुहूर्त- 11:57 AM से 12:45 PM
17 सितंबर का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 1:52 PM – 3:23 PM
कुलिक - 6:17 AM – 7:48 AM
दुर्मुहूर्त - 07:54 AM – 08:43 AM
वर्ज्यम् - 06:37 PM – 08:24 PM
कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि है अमावस्या
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कृष्ण और शुक्ल पक्ष मिलाकर कुल 16 तिथियां होती हैं। इनमें से 1 से लेकर 14 तक की तिथियां समान होती हैं। इनमें कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि को अमावस्या कहते हैं। इस तिथि के स्वामी पितृ देवता है। इस तिथि पर सूर्य और चंद्रमा एक ही राशि में होते हैं। धर्म ग्रंथों में इस तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। इसी तिथि पर दीपावली पर्व भी मनाया जाता है। पितरों की पूजा के लिए भी ये तिथि बहुत ही शुभ मानी गई है।
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