सार

19 मई 2022, दिन गुरुवार को ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि रहेगी। इस दिन संकष्ठी गणेश चतुर्थी का व्रत किया जाएगा। 
 

उज्जैन. ज्योतिष विद्या हजारों साल पुरानी है। इस विद्या के माध्यम से हमारे पूर्वजों ने अंतरिक्ष के ग्रहों और नक्षत्रों को बारीकि से अध्ययन किया है और ये भी बताया कि उनका हमारे जीवन पर क्या असर पड़ता है। इन्हीं ग्रहों-नक्षत्रों की गति के आधार पर शुभ मुहूर्त आदि निकाले जाते हैं। और इन शुभ मुहूर्तों का संकलन पंचांग में किया जाता है। पंचांग में वो सभी जानकारी आसानी से मिल जाती है, जो हमारे लिए जरूरी है। इसलिए पुरातन समय में हर घर में पंचांग होना बहुत जरूर माना जाता था क्योंकि उस समय हर काम शुभ मुहूर्त देखकर करने की परंपरा थी। पंचांग मुख्य रूप से 5 अंगों से मिलकर बनता है। इसीलिए इसे पंचांग कहते हैं- ये हैं करण, तिथि, नक्षत्र, वार और योग। आगे जानिए पंचांग से जुड़ी खास बातें…

19 मई का पंचांग (Aaj Ka Panchang 19 May 2022)
19 मई 2022, दिन गुरुवार को ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि रहेगी। इस दिन संकष्ठी गणेश चतुर्थी का व्रत किया जाएगा। इस दिन सूर्योदय मूल नक्षत्र में होगा, जो सुबह 09.21 तक रहेगा। इसके बाद पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। गुरुवार को पहले मूल नक्षत्र होने से धूम्र नाम का अशुभ योग और उसके बाद पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र होने से धाता नाम का शुभ योग इस दिन बन रहा है। इस दिन राहुकाल दोपहर 02:02 से 03:41 तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।   

गुरुवार को किया जाएगा संकष्टी चतुर्थी व्रत
धर्म ग्रंथों के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। इस दिन भगवान श्रीगणेश के एकदंत स्वरूप की पूजा की जाती है। संकष्टी का अर्थ है संकटों से बचाने वाली। इस दिन भगवान श्रीगणेश की पूजा करना विशेष शुभ माना जाता है। इस दिन व्रत कर शाम को चंद्रमा के दर्शन करने के बाद ही भोजन किया जाता है। कुछ स्थानों इसे संकट हारा कहते हैं तो कहीं इसे संकट चौथ भी। इस दिन भगवान गणेश का सच्चे मन से ध्यान करने से व्यक्ति की सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार से होगी...
गुरुवार को चंद्रमा वृश्चिक में, मंगल, गुरु और शु्क्र ग्रह मीन में, सूर्य और बुध वृषभ राशि में, शनि कुंभ राशि में, राहु मेष राशि में और केतु तुला राशि में रहेंगे। गुरुवार को दक्षिण दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि करनी पड़े तो दही या जीरा मुंह में डाल कर निकलें।

19 मई के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रमी संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- ज्येष्ठ
पक्ष- कृष्ण
दिन- गुरुवार
ऋतु- ग्रीष्म
नक्षत्र- मूल और पूर्वाषाढ़ा
करण- बव और बालव
सूर्योदय - 5:48 AM
सूर्यास्त - 6:58 PM
चन्द्रोदय - May 19 10:48 PM
चन्द्रास्त - May 20 9:37 AM अभिजीत मुहूर्त – इस दिन नहीं है।

19 मई का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 5:48 AM – 7:26 AM
कुलिक - 9:05 AM – 10:44 AM
दुर्मुहूर्त - 10:11 AM – 11:04 AM और 03:27 PM – 04:20 PM
वर्ज्यम् - 10:37 AM – 12:05 PM

शुभ होता है रवि योग, जानिए कैसे बनता है ये? 
सूर्य जिस नक्षत्र पर हो, उस नक्षत्र से वर्तमान चंद्र नक्षत्र चौथा, छठा, नवां, दसवां, तेरहवां और बीसवां हो तो रवियोग बनता है। उदाहरण के लिए यदि सूर्य अश्विनी नक्षत्र पर है तो चौथा रोहिणी, छठा आर्द्रा, नवां आश्लेषा, 10वां मघा, 13वां हस्त और 20वां पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र पर चंद्रमा हो तो उस दिन रवियोग होता है। रवियोग सभी दोषों को दूर करने वाला माना गया है। इसमें किए गए सभी काम शीघ्र ही शुभ फल प्रदान करते हैं।