सार

2 जून 2022, दिन गुरुवार को ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि रहेगी। इस दिन रंभा तीज का व्रत किया जाएगा। गुरुवार को सूर्योदय आर्द्रा नक्षत्र में होगा, जो शाम 4 बजे तक रहेगा। इसके बाद पुनर्वसु नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। 
 

उज्जैन. क्षेत्रों की भिन्नता के कारण पंचांगों की गणनाओं में अंतर आता है, लेकिन कुछ खास बातें फिर भी समान रहती हैं। पंचांग ज्योतिषीय अध्ययन का एक अनिवार्य अंग है। जिन ग्रंथों से हमारे पंचांग बनते हैं वे कम से कम 500 वर्ष पुराने हैं। पंचांग में महीने का हिसाब सूर्य व चंद्रमा की गति पर रखा जाता है। पंचांग प्रकरण, श्लोक 1 में कहा गया है 
तिथि वारिश्च नक्षत्रां योग करणमेव च। 
एतेषां यत्रा विज्ञानं पंचांग तन्निगद्यते॥ 

पंचांग दो पद्धतियों पर निर्मित होते हैं – सायन और निरयन। पंचांग के अनुसार, एक हिंदू वर्ष में 12 महीने होते हैं। इनका क्रम इस प्रकार है- चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, सावन, भादौ, आश्विन, कार्तिक, अगहन, पौष, माघ, फाल्गुन। प्रत्येक महीन दो पखवाड़ों में बंटा होता है, जिसे पक्ष कहते हैं कृष्ण और शुक्ल। आगे जानिए आज के पंचांग से जुड़ी खास बातें…

2 जून का पंचांग (Aaj Ka Panchang 2 June 2022)
2 जून 2022, दिन गुरुवार को ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि रहेगी। इस दिन रंभा तीज का व्रत किया जाएगा। गुरुवार को सूर्योदय आर्द्रा नक्षत्र में होगा, जो शाम 4 बजे तक रहेगा। इसके बाद पुनर्वसु नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। गुरुवार को पहले आर्द्रा नक्षत्र होने से काण नाम का अशुभ योग और उसके बाद पुनर्वसु नक्षत्र होने से सिद्धि नाम का शुभ योग इस दिन बन रहा है। इस दिन राहुकाल दोपहर 02:05 PM  से 03:45 PM तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।   

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार से होगी...
गुरुवार को चंद्रमा मिथुन राशि में, सूर्य और बुध ग्रह वृषभ राशि में, राहु मेष राशि में, केतु तुला राशि में, मंगल, गुरु और शु्क्र मीन में और शनि कुंभ राशि में रहेंगे। गुरुवार को दक्षिण दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि करनी पड़े तो दही या जीरा मुंह में डाल कर निकलें।

2 जून के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रमी संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- ज्येष्ठ
पक्ष- शुक्ल
दिन- गुरुवार
ऋतु- ग्रीष्म
नक्षत्र- आर्द्रा और पुनर्वसु
करण- तैतिल और गर
सूर्योदय - 05:44 AM
सूर्यास्त - 07:04 PM
चन्द्रोदय - 02 7:39 AM
चन्द्रास्त - 02 9:47 PM 
अभिजीत मुहूर्त – 11:58 AM से 12:51 PM 

2 जून का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 5:44 AM – 7:24 AM
कुलिक - 9:04 AM – 10:44 AM
दुर्मुहूर्त - 10:11 AM – 11:04 AM और 03:31 PM – 04:24 PM
वर्ज्यम् - 05:34 AM – 07:23 AM

आज किया जाएगा रंभा तीज का व्रत
धर्म ग्रंथों के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रंभा तीज का व्रत किया जाता है। इस बार ये व्रत 2 जून, गुरुवार को है। कुवांरी लड़कियां मनचाहे वर के लिए और सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और योग्य संतान के लिए ये व्रत रखती हैं। इस दिन मुख्य रूप से भगवान शिव, माता पार्वती और लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। पुराणों के अनुसार, रंभा स्वर्ग की एक अप्सरा है, जिसकी उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई थी।

आकाश मंडल का सातवां नक्षत्र है पुनर्वसु
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, आकाश मंडल में पुनर्वसु 7वां नक्षत्र है। पुनर्वसु का अर्थ पुन: शुभ होता है। इस नक्षत्र का स्वामी गुरु है और राशि स्वामी बुध है। इस नक्षत्र को बहुत ही शुभ माना जाता है। शुभ कार्यों के लिए इस नक्षत्र को चुना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पुनर्वसु नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग बोलने में काफी माहिर होते हैं, क्योंकि इस नक्षत्र पर गुरू का प्रभाव होता है। अपने नेक और सरल स्वभाव के कारण यह समाज में मान-सम्मान और आदर प्राप्त करते हैं। पढ़ने-लिखने में भी ये लोग काफी होशियार होते हैं।