सार
Aaj Ka Panchang: 21 सितंबर, बुधवार को पुष्य नक्षत्र होने से मातंग नाम का शुभ योग बनेगा। इसके अलावा परिघ और शिव नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे। इस दिन राहुकाल दोपहर 12:19 से 01:50 तक रहेगा।
उज्जैन. पंचांग के माध्यम से ही हमें शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह आदि के बारे में जानकारी मिलती है। पंचांग के अनुसार, आज (21 सितंबर, बुधवार) को आश्विन मास की एकादशी तिथि है। इस तिथि का धर्म ग्रंथोंमें विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विशेष रूप से की जाती है। आगे जानिए पंचांग से जुड़ी खास बातें…
आज किया जाएगा इंदिरा एकादशी व्रत
धर्म ग्रंथों के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी कहते हैं। इस बार ये एकादशी 21 सितंबर, बुधवार को है। श्राद्ध पक्ष की एकादशी तिथि होने से इसका विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है। ऐसी मान्यता है कि इस तिथि पर जो व्यक्ति पूजा और व्रत करता है, उसके पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही उसके घर में सदैव सुख-समृद्धि बनी रहती है।
21 सितंबर का पंचांग (Aaj Ka Panchang 21 september 2022)
21 सितंबर 2022, दिन बुधवार को आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पूरे दिन रहेगी। बुधवार को सूर्योदय पुष्य नक्षत्र में होगा, जो दिन भर रहेगा। बुधवार को पुष्य नक्षत्र होने से मातंग नाम का शुभ योग बनेगा। इसके अलावा परिघ और शिव नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे। इस दिन राहुकाल दोपहर 12:19 से 01:50 तक रहेगा।
ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार रहेगी...
बुधवार को चंद्रमा कर्क राशि में, सूर्य और बुध कन्या राशि में, शुक्र सिंह राशि में, मंगल वृष राशि में, शनि मकर राशि में (वक्री), राहु मेष राशि में, गुरु मीन राशि में (वक्री) और केतु तुला राशि में रहेंगे। बुधवार को उत्तर दिशा की यात्रा करने से बचना चाहिए। यदि निकलना पड़े तो तिल या धनिया खाकर घर से बाहर निकलें।
21 सितंबर के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- आश्विन
पक्ष-कृष्ण
दिन- बुधवार
ऋतु- शरद
नक्षत्र- पुष्य
करण- बव और बालव
सूर्योदय - 6:19 AM
सूर्यास्त - 6:21 PM
चन्द्रोदय - Sep 21 1:55 AM
चन्द्रास्त - Sep 21 3:51 PM
अभिजीत मुहूर्त- 11:56 AM से 12:45 PM
21 सितंबर का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 7:49 AM – 9:19 AM
कुलिक - 10:49 AM – 12:19 PM
दुर्मुहूर्त - 11:55 AM – 12:44 PM
वर्ज्यम् - 01:48 PM – 03:33 PM
क्या होता है करण?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पंचांग के 5 अंग होते हैं- तिथि, योग, करण, वार और नक्षत्र। करण तिथि के आधे भाग को कहते हैं। यानी एक तिथि में दो करण होते हैं। ग्रंथों में कुल 11 करण के बारे में बताया गया है। इनके नाम इस प्रकार हैं- बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग और किस्तुघ्न। विष्टि करण का एक नाम भद्रा भी है। किसी भी शुभ कार्य से करण पर भी विचार किया जाता है। इन्हीं के माध्मय से शुभ मुहूर्तों का निर्धारण किया जाता है।
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