सार

Aaj Ka Panchang: 26 अगस्त को भाद्रमास मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी और अमावस्या तिथि का संयोग बन रहा है। इस दिन श्राद्ध अमावस्या रहेगी। शुक्रवार को पहले आश्लेषा नक्षत्र होने से मृत्यु और उसके बाद मघा नक्षत्र होने से काण नाम के 2 अशुभ योग बनेंगे। 

उज्जैन. पंचांग के 5 प्रमुख अंग बताए गए हैं- ये हैं करण, तिथि, नक्षत्र, वार और योग। पंचांग से शुभ मुहूर्त, ग्रह-नक्षत्र परिवर्तन, दिशा शूल आदि बहुत सी जानकारी प्राप्त की जा सकती है। पंचांग का उपयोग हमारे देश में प्राचीन काल से होता आ रहा है और आज भी हो रहा है। नेपाल सहित कम्बोडिया, लाओस, थाईलैण्ड, बर्मा, श्रीलंका आदि में भी स्थानीय पंचांग का उपयोग किया जाता है। भारत में विक्रम पंचांग सबसे ज्यादा प्रचलित है। जानिए आज के पंचांग से जुड़ी खास बातें…

श्राद्ध अमावस्या आज
इस बार भाद्रपद मास में 2 अमावस्या का योग बन रहा है। पहले दिन 26 अगस्त, शुक्रवार को श्राद्ध अमावस्या और दूसरे दिन 27 अगस्त, शनिवार को कुशग्रहणी अमावस्या रहेगी। 26 अगस्त को पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान आदि करना श्रेष्ठ रहेगा। इस दिन अमावस्या तिथि का आरंभ दोपहर 12 बजे बाद होगा, इसलिए इसके बाद ही पितरों के निमित्त दान, पूजा आदि करें।

26 अगस्त का पंचांग (Aaj Ka Panchang 26 August 2022)
26 अगस्त 2022, दिन शुक्रवार को भाद्रमास मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि दोपहर 12:24 तक रहेगी, इसके बाद अमावस्या तिथि रात अंत तक रहेगी। इस दिन श्राद्ध अमावस्या रहेगी। शुक्रवार को सूर्योदय आश्लेषा नक्षत्र में होगा, जो शाम 06:33 तक रहेगा। इसके बाद मघा नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। शुक्रवार को पहले आश्लेषा नक्षत्र होने से मृत्यु और उसके बाद मघा नक्षत्र होने से काण नाम के 2 अशुभ योग इस दिन बन रहे हैं। इनके अलावा परिघ और शिव नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे। इस दिन राहुकाल सुबह 10:54 से 12:28 तक रहेगा।
   
ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार रहेगी...
शुक्रवार की सुबह चंद्रमा कर्क से निकलकर सिंह राशि में प्रवेश करेगा। यहां सूर्य पहले से ही स्थित है। इस दिन बुध कन्या राशि में, मंगल वृष राशि में, शुक्र कर्क राशि में, शनि मकर राशि में (वक्री), राहु मेष राशि में, गुरु मीन राशि में (वक्री) और केतु तुला राशि में रहेंगे। शुक्रवार को पश्चिम दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। अगर यात्रा करना जरूरी हो तो जौ या राईं खाकर घर से बाहर निकलें।

26 अगस्त के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- भादौ
पक्ष- कृष्ण
दिन- शुक्रवार
ऋतु- वर्षा
नक्षत्र- आश्लेषा और मघा
करण- चतुष्पद और नाग
सूर्योदय - 6:10 AM
सूर्यास्त - 6:46 PM
चन्द्रोदय - Aug 26 4:58 AM
चन्द्रास्त - Aug 26 6:32 PM
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12:03 से 12:53 तक 

26 अगस्त का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 3:37 PM – 5:12 PM
कुलिक - 7:45 AM – 9:19 AM
दुर्मुहूर्त - 08:42 AM – 09:32 AM और 12:53 PM – 01:44 PM
वर्ज्यम् - 07:29 AM – 09:13 AM

हिंदू वर्ष का छठा महीना है भाद्रपद
पंचांग के अनुसार, हिंदू वर्ष का छठा महीना भाद्रपद है। इस महीने की पूर्णिमा पर चंद्रमा उत्तरा या पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में होता है, इसलिए इस महीने का नाम भाद्रपद रखा गया है। इसे भादौ और भादवा भी कहा जाता है। धर्म ग्रंथों में इस मास का विशेष महत्व बताया गया है। इस महीने में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, हरितालिका तीज, गणेश चतुर्थी, ऋषि पंचमी के अलावा अनंत चतुर्दशी का पर्व भी मनाया जाता है। साथ ही इस महीने के अंतिम दिन यानी पूर्णिमा तिथि से श्राद्ध पक्ष का आरंभ होता है। 


ये भी पढ़ें-

Shukra Gochar 2022: 31 अगस्त को शुक्र बदलेगा राशि, इन 5 राशि वालों की लगेगी लॉटरी


Kushgrahani Amavasya 2022: भाद्रपद अमावस्या पर तोड़ी जाती है ये पवित्र घास, शुभ कामों में होता है इसका उपयोग

Shani Amavasya 2022: अचूक हैं ये 8 उपाय, 27 अगस्त को शनिश्चरी अमावस्या पर कोई भी 1 करें