सार
सोमवार को पहले रोहिणी नक्षत्र होने से वर्धमान और उसके बाद मृगशिरा नक्षत्र होने से आनंद नाम का शुभ योग इस दिन बन रहा है। इसके अलावा सर्वार्थसिद्धि और अमृतसिद्धि नाम के 2 अन्य शुभ योग इस दिन बन रहे हैं।
उज्जैन. आकाश मंडल में एक तारा समूह को नक्षत्र कहा जाता है। इसमें 27 नक्षत्र शामिल हैं और नौ ग्रह इन नक्षत्रों के स्वामित्व में हैं। हिंदू काल गणना के अनुसार, सूर्य रेखा से 12 डिग्री ऊपर जाने के लिए चंद्र झुकाव में लगने वाले समय को तिथि कहा जाता है। नक्षत्र की तरह, योग के 27 प्रकार हैं। यह सूर्य और चंद्रमा की अलग-अलग दूरी के लिए विशेष गणना करता है। इन सभी को मिलाकर पंचांग का निर्णाण होता है। पंचांग के माध्यम से ही हमें शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह आदि के बारे में जानकारी मिलती है। आगे जानिए आज के पंचांग से जुड़ी खास बातें…
शिव चतुर्दशी आज, करें शिवजी की पूजा
प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिव चतुर्दशी का व्रत किया जाता है। इस व्रत में भगवान शिव की पूजा का विधान है। इस बार आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 27 जून, सोमवार को है। इस दिन 4 शुभ योग होने से इस व्रत का महत्व और भी बढ़ गया है।
27 जून का पंचांग (Aaj Ka Panchang 27 June 2022)
27 जून 2022, दिन सोमवार को आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि रहेगी। इस दिन सूर्योदय रोहिणी नक्षत्र में होगा, जो शाम 4 बजे तक रहेगा, इसके बाद मृगशिरा नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। सोमवार को पहले रोहिणी नक्षत्र होने से वर्धमान और उसके बाद मृगशिरा नक्षत्र होने से आनंद नाम का शुभ योग इस दिन बन रहा है। इसके अलावा सर्वार्थसिद्धि और अमृतसिद्धि नाम के 2 अन्य शुभ योग इस दिन बन रहे हैं। राहुकाल सुबह 7:27 से 9:08 तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।
ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार से होगी...
सोमवार को मंगल ग्रह राशि बदलकर मीन से मेष में प्रवेश करेगा, राहु भी इसी राशि में रहेगा। इस दिन चंद्रमा वृषभ राशि में, सूर्य मिथुन राशि में, बुध और शुक्र वृषभ राशि में, केतु तुला राशि में, गुरु मीन में और शनि कुंभ राशि में रहेंगे। सोमवार को पूर्व दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए। यदि मजबूरी में यात्रा करनी पड़े तो शीशे में अपना चेहरा देखकर या कोई भी पुष्प खा कर घर से निकलना चाहिए।
27 जून के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- आषाढ़
पक्ष- कृष्ण
दिन- सोमवार
ऋतु- वर्षा
नक्षत्र- रोहिणी और मृगशिरा
करण- विष्टि और शकुनि
सूर्योदय - 5:47 AM
सूर्यास्त - 7:12 PM
चन्द्रोदय - 4:02 AM
चन्द्रास्त - 5:59 PM
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12.02 से 12.56
27 जून का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 10:49 AM – 12:29 PM
कुलिक - 2:10 PM – 3:51 PM
दुर्मुहूर्त - 12:56 PM – 01:50 PM और 03:37 PM – 04:31 PM
वर्ज्यम् - 10:21 PM – 12:09 AM
चौथा करण है तैतिल, इसमें पूरे होते हैं अधूरे काम
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तिथि के आधे भाग को करण करते हैं। इनकी संख्या 11 है। इनमें से तैतिल करण चौथे क्रम में आता है। इसे सामान्य करण की श्रेणी में रखा गया है। इस करण में सरल काम किए जा सकते हैं जिनमें व्यक्ति को बहुत अधिक परिश्रम न करना पड़े। तैतिल करण में व्यक्ति को अधूरे बचे हुए कामों को पूरा करने का मौका भी मिलता है। इस समय पर व्यक्ति अपनी जीत के लिए बहुत अधिक प्रयसशील रहता है। तैतिल करण में जन्म लेने वाले लोग भाग्यशाली होते हैं एवं अपने जीवन में सुख प्राप्त करते हैं, भाग्यशाली होने के कारण इस करण में जन्मे लोगों को पुरुषार्थ के आभाव में भी अपने सौभाग्य से धन प्राप्त करते हैं।