सार
27 सितंबर 2022, मंगलवार को चित्रा नक्षत्र होने से ध्वांक्ष नाम का अशुभ योग इस दिन बनेगा। इसके अलावा इस दिन द्विपुष्कर, इंद्र, ब्रह्म और वैधृति नाम के 4 अन्य योग भी रहेंगे। राहुकाल दोपहर 03:16 से शाम 04:45 तक रहेगा।
उज्जैन. पुरातन समय में लोग हर काम शुभ मुहूर्त देखकर ही करते थे और शुभ मुहूर्त देखने के लिए वे पंचांग का उपयोग करते थे। इसलिए ये कह सकते हैं कि पंचांग पुरातन समय से ही हिंदू धर्म में कालगणना का केंद्र बिंदु रहा है। पंचांग में शुभ मुहूर्त के अलावा ग्रह-नक्षत्र परिवर्तन से जुड़ी रोचक जानकारी उपलब्ध होती है। पंचांग मुख्य रूप से पांच चीजों से मिलकर बना होता है। इसीलिए इसे पंचांग कहते हैं- ये हैं करण, तिथि, नक्षत्र, वार और योग। आगे जानिए आज के पंचांग से जुड़ी खास बातें…
नवरात्रि के दूसरे दिन करें देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा
आज (27 सितंबर, मंगलवार) शारदीय नवरात्रि का दूसरा दिन है। इस दिन देवी दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा की जाती है। देवी ब्रह्मचारिणी ब्रह्म शक्ति यानि तप की शक्ति का प्रतीक हैं। इनकी आराधना से भक्त की तप करने की शक्ति बढ़ती है। साथ ही सभी मनोवांछित कार्य पूर्ण होते हैं।
27 सितंबर का पंचांग (Aaj Ka Panchang 27 september 2022)
27 सितंबर 2022, दिन मंगलवार को आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितिया तिथि पूरे दिन रहेगी। ये शारदीय नवरात्रि का दूसरा दिन रहेगा। इस दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाएगी। मंगलवार को चित्रा नक्षत्र होने से ध्वांक्ष नाम का अशुभ योग इस दिन बनेगा। इसके अलावा इस दिन द्विपुष्कर, इंद्र, ब्रह्म और वैधृति नाम के 4 अन्य योग भी रहेंगे। राहुकाल दोपहर 03:16 से शाम 04:45 तक रहेगा।
ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार रहेगी...
मंगलवार को चंद्रमा कन्या राशि से निकलकर तुला राशि में प्रवेश करेगा। सूर्य, बुध और शुक्र कन्या राशि में, मंगल वृष राशि में, शनि मकर राशि में (वक्री), राहु मेष राशि में, गुरु मीन राशि में (वक्री) और केतु तुला राशि में रहेंगे। मंगलवार को उत्तर दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि निकलना पड़े तो गुड़ खाकर यात्रा पर जाना चाहिए।
27 सितंबर के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- आश्विन
पक्ष-शुक्ल
दिन- मंगलवार
ऋतु- शरद
नक्षत्र- चित्रा
करण- बालव और कौलव
सूर्योदय - 6:20 AM
सूर्यास्त - 6:14 PM
चन्द्रोदय - Sep 27 7:22 AM
चन्द्रास्त - Sep 27 7:21 PM
अभिजीत मुहूर्त- 11:54 AM से 12:42 PM
27 सितंबर का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 9:19 AM – 10:48 AM
कुलिक - 12:17 PM – 1:47 PM
दुर्मुहूर्त - 08:43 AM – 09:31 AM, 11:05 PM – 11:53 PM
वर्ज्यम् - 11:45 AM – 01:20 PM
क्या होता है गंडमूल नक्षत्र?
ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्रों के बारे में बताया गया है। इनमें से 6 नक्षत्र गंडमूल कहे गए हैं। यानी इन 6 नक्षत्रों में अगर कोई बच्चा जन्म लेता है तो उसके पिता को उसका मुख 27 दिन तक नहीं देखना चाहिए। 27 दिन बाद जब पुनः वही नक्षत्र आए तो उसकी शांति करवाना चाहिए। नहीं तो इसका अशुभ असर माता-पिता पर होता है और कोई संकट की स्थिति बन सकती है।
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