सार

5 अगस्त को श्रावण शुक्ल अष्टमी तिथि है। शुक्रवार को पहले स्वाती नक्षत्र होने से गद और उसके बाद विशाखा नक्षत्र होने से मातंग नाम के 2 शुभ योग इस दिन बन रहे हैं। इनके अलावा इस दिन शुभ और शुक्ल नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे।

उज्जैन. पंचांग वैदिक काल से ही सनातन धर्म में काल गणना का एक प्रमुख अंग रहा है। इसी के माध्मय से ग्रह और नक्षत्रों की गणना की जाती है साथ ही राहुकाल, अभिजीत मुहूर्त, व अन्य शुभ-अशुभ समय के बारे में विचार किया जाता है। ज्योतिषी और पंडित भी मुहूर्त देखने के लिए पंचांग का ही उपयोग करते हैं। पंचांग मुख्य रूप से 5 अंगों से मिलकर बनता है ये हैं करण, तिथि, नक्षत्र, वार और योग। इन सभी के योग से एक सटीक पंचांग तैयार किया जाता है। आगे जानिए आज के पंचांग से जुड़ी खास बातें…

5 अगस्त का पंचांग (Aaj Ka Panchang 5 August 2022)
5 अगस्त 2022, दिन शुक्रवार को श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि रहेगी। इस दिन सूर्योदय स्वाती नक्षत्र में होगा, जो शाम 06:30 तक रहेगा, इसके बाद विशाखा नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। शुक्रवार को पहले स्वाती नक्षत्र होने से गद और उसके बाद विशाखा नक्षत्र होने से मातंग नाम के 2 शुभ योग इस दिन बन रहे हैं। इनके अलावा इस दिन शुभ और शुक्ल नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे। इस दिन राहुकाल सुबह 10:55 से दोपहर 12:32 तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।   

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार रहेगी...
शुक्रवार को चंद्रमा तुला राशि में, बुध सिंह राशि में, सूर्य कर्क राशि में, शुक्र मिथुन राशि में, शनि मकर राशि (वक्री), मंगल-राहु मेष राशि में, गुरु मीन राशि में (वक्री) और केतु तुला राशि में रहेंगे। शुक्रवार को पश्चिम दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। अगर यात्रा करना जरूरी हो तो जौ या राईं खाकर घर से बाहर निकलें।

5 अगस्त के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- श्रावण
पक्ष- शुक्ल
दिन- शुक्रवार
ऋतु- वर्षा
नक्षत्र- स्वाती और विशाखा
करण- विष्टि और बव 
सूर्योदय - 6:03 AM
सूर्यास्त - 7:02 PM
चन्द्रोदय - Aug 05 12:31 PM
चन्द्रास्त - Aug 05 11:58 PM
अभिजीत मुहूर्त - 12:06 PM – 12:59 PM

5 अगस्त का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 3:47 PM – 5:25 PM
कुलिक - 7:40 AM – 9:17 AM
दुर्मुहूर्त - 08:39 AM – 09:31 AM और 12:58 PM – 01:50 PM
वर्ज्यम् - 12:03 AM – 01:35 AM

बृहस्पति को कहते हैं गुरु ग्रह
ज्योतिष शास्त्र में 9 ग्रह बताए गए हैं। बृहस्पति भी इनमें से एक है। इसे गुरु ग्रह भी कहा जाता है। ये ग्रह धनु और मीन राशि का स्वामी है और कर्क इसकी उच्च राशि है जबकि मकर इसकी नीच राशि मानी जाती है। ये ग्रह 27 नक्षत्रों में पुनर्वसु, विशाखा, और पूर्वा भाद्रपद का स्वामी है। जिस व्यक्ति की कुंडली में ये ग्रह शुभ स्थिति में होता है, उसने अपने जीवन में हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। ऐसा व्यक्ति या तो शिक्षा के क्षेत्र में या धर्म के क्षेत्र में नाम कमाता है।

 

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