8 जून 2022, दिन बुधवार को ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि रहेगी। इस दिन महेश का पर्व मनाया जाएगा। बुधवार को सूर्योदय उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में होगा, जो पूरे दिन रहेगा।
उज्जैन. हम जाने-अनजाने में कई बार पंचांग शब्द सुनते हैं लेकिन बहुत कम लोगों को इसके बारे में जानकारी होती है और नई पीढ़ी तो इस शब्द से लगभग अपरिचित ही है। पंचांग को सरल शब्दों में हिंदू कैलेंडर कहा जा सकता है। अंग्रेजी कैलेंडर में सिर्फ डेट बताई जाती है, जबकि पंचांग में तारीख के साथ-साथ तिथि, नक्षत्र आदि के बारे में पूरी विस्तारपूर्वक बताया जाता है। पंचांग करण, तिथि, नक्षत्र, वार और योग से मिलकर बना होता है। इन सभी का अलग-अलग महत्व ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है। पंचांग में रोज बनने वाले शुभ-अशुभ योग, राहुकाल, अभिजीत मुहूर्त आदि के बारे में भी जानकारी दी जाती है। आगे जानिए आज के पंचांग से जुड़ी खास बातें…
माहेश्वरी समाज मनाएगा महेश नवमी का पर्व
धर्म ग्रंथों के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को महेश नवमी का पर्व मनाया जाएगा। इस बार ये तिथि 8 जून को है। वैसे तो ये पर्व सभी लोग मनाते हैं, लेकिन माहेश्वरी समाज इस उत्सव को विशेष रूप से मनाता है क्योंकि मान्यताओं के अनुसार, इसी तिथि पर माहेश्वरी समाज की उत्पत्ति भगवान शिव के आशीर्वाद से हुई थी। भगवान शिव ने ही अपने नाम (महेश) इस समाज को दिया और व्यापारिक कर्म करने की आज्ञा दी।
8 जून का पंचांग (Aaj Ka Panchang 8 June 2022)
8 जून 2022, दिन बुधवार को ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि रहेगी। इस दिन महेश का पर्व मनाया जाएगा। बुधवार को सूर्योदय उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में होगा, जो पूरे दिन रहेगा। बुधवार को उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र होने से प्रवर्ध नाम का शुभ योग इस दिन बन रहा है। इस दिन राहुकाल दोपहर 12:26 PM से 2:06 PM तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।
ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार से होगी...
बुधवार की सुबह चंद्रमा सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में प्रवेश करेगा। सूर्य और बुध वृषभ राशि में, राहु मेष राशि में, केतु तुला राशि में, मंगल, गुरु और शु्क्र मीन में और शनि कुंभ राशि में रहेंगे। बुधवार को उत्तर दिशा की यात्रा करने से बचना चाहिए। यदि निकलना पड़े तो तिल या धनिया खाकर घर से बाहर निकलें।
8 जून के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रमी संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- ज्येष्ठ
पक्ष- शुक्ल
दिन- बुधवार
ऋतु- ग्रीष्म
नक्षत्र- उत्तरा फाल्गुनी
करण- बव और बालव
सूर्योदय - 05:44 AM
सूर्यास्त - 07:07 PM
चन्द्रोदय - 1:02 PM
चन्द्रास्त - 1:38 AM
अभिजीत मुहूर्त- आज अभिजीत मुहूर्त नहीं है।
8 जून का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 7:24 AM – 9:05 AM
कुलिक - 10:45 AM – 12:26 PM
दुर्मुहूर्त - 11:59 AM – 12:52 PM
वर्ज्यम् - 12:53 PM – 02:29 PM
आकाश मंडल का 12वां नक्षत्र है उत्तरा फाल्गुनी, सूर्य है इसका स्वामी
उत्तरा फाल्गुनी आकाश मंडल का 12वां हैं। इस नक्षत्र का स्वामी सूर्य है। इसका प्रथम चरण सिंह राशि में आता है। उत्तराफाल्गुनी का अर्थ मंच या दीवान या तख्त के पिछले दो पाए हैं। इस नक्षत्र की बहुत सी बातें पूर्वाफाल्गुनी से मिलती-जुलती हैं। यह नक्षत्र सिंह और कन्या राशि दोनों को जोड़ने वाला नक्षत्र होता है। उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के प्रभाव में जन्म लेने वाले लोग दूसरों की मदद करने वाले, दयालु और कई विशेष गुणों वाले होते हैं। ये लोग प्रेमी और मिलनसार भी होते हैं। सबको साथ लेकर चलने की कला इनके अंदर बहुत होती है। ये लोगों को मुसीबत में नहीं देख सकते और तुंरत उनकी मदद के लिए तैयार रहते हैं।
