सार
केतु ग्रह ज्येष्ठा नक्षत्र से निकलकर अनुराधा में आ गया है, जो कि शनि का नक्षत्र है। केतु इसमें अगले 8 महीने तक रहेगा। केतु की चाल में बदलाव का असर देश-दुनिया के साथ ही 12 राशियों पर भी पड़ेगा।
उज्जैन. केतु के नक्षत्र परिवर्तन के कारण 3 राशियों के लिए अच्छा समय रहेगा, लेकिन 9 राशियों को संभलकर रहना होगा। वहीं, देश में राजनैतिक और प्राकृतिक बदलाव दिखेंगे। साथ ही मौसम पर भी इसका असर पड़ेगा।
स्वरभानु राक्षस का धड़ केतु और सिर राहु
पुराणों के मुताबिक केतु ग्रह स्वरभानु राक्षस का धड़ है, जबकि इसके सिर के भाग को राहु कहते हैं। इस ग्रह का कोई वास्तविक रूप या आकार नहीं हैं। इसलिए इसे छाया ग्रह कहा जाता है। अभी केतु ग्रह वृश्चिक राशि में है और इस पूरे साल इसी राशि में रहेगा। जिससे मिथुन, कन्या और मकर राशि वाले लोगों के लिए अच्छा समय रहेगा। इनके अलावा मेष, वृष, कर्क, सिंह, तुला, वृश्चिक, धनु, कुंभ और मीन राशि वाले लोगों को संभलकर रहना होगा।
ये होगा देश-दुनिया और राशियों पर असर
- ज्योतिष शास्त्र में केतु को क्रूर ग्रह माना गया है। केतु अध्यात्म, वैराग्य और मोक्ष का कारक ग्रह है। केतु के नक्षत्र परिवर्तन से बीमारियों के संक्रमण से राहत मिलने के आसार हैं। केतु के प्रभाव से देश में बड़े राजनैतिक बदलाव होने की संभावना है। देश में कुछ जगहों पर प्राकृतिक आपदा आने की भी आशंका बन रही है। देश में कहीं तेज बारिश तो कहीं कम रहेगी।
- केतु के नक्षत्र में बदलाव होने से मिथुन, कन्या और मकर राशि वाले लोगों के लिए अच्छा समय रहेगा। इन 3 राशियों के लोगों को नौकरी और बिजनेस में फायदा मिलेगा। रुके हुए जरूरी काम पूरे होने लगेंगे। बड़े और प्रभावी लोगों से मदद मिलती रहेगी। बीमारियों से राहत मिलेगी। मेहनत का पूरा फल मिलेगा। अचानक यात्राएं हो सकती हैं और बड़ी जिम्मेदारी भी मिलने के योग बन रहे हैं।
- अनुराधा नक्षत्र केतु के आ जाने से मेष, वृष, कर्क, सिंह, तुला, वृश्चिक, धनु, कुंभ और मीन राशि वाले लोगों को संभलकर रहना होगा। इन राशियों के नौकरीपेशा लोगों का मन काम में नहीं लगेगा। मेहनत ज्यादा करनी पड़ेगी। हो सकता है उसका फायदा नहीं मिल पाएगा। सेहत संबंधी परेशानियां भी बनी रहेंगी। रोजमर्रा के काम पूरे करने में रुकावटें आएंगी। लेन-देन और निवेश में भी संभलकर रहना होगा।