सार

भारतीय ज्योतिष में 12 राशियां मानी गई है। नाम के पहले अक्षर के अनुसार व्यक्ति की राशि तय की जाती है। यानी सभी लोग इन 12 राशियों में ही आते हैं। हर राशि की अपनी कुछ विशेषताएं हैं।

उज्जैन. यदि व्यक्ति अपनी राशि के स्वामी के मंत्र का जाप विधि-विधान से करें, उसकी अनेक समस्याओं का समाधान हो सकता है। किस राशि का स्वामी कौन है व उनके मंत्रों की जानकारी इस प्रकार है-

मेष: इस राशि के स्वामी मंगल है। इस राशि के लोगों को ऊँ क्रां, क्रीं, क्रौं स: भौमाय नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।
वृष: इस राशि के स्वामी शुक्र है। इस राशि के लोगों को ऊँ द्रां, द्रीं, द्रौं स: शुक्राय नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।
मिथुन: इस राशि के स्वामी बुध है। इस राशि के लोगों को ऊँ ब्रां, ब्रीं, ब्रौं, स: बुधाय नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।
कर्क: इस राशि के स्वामी चंद्र है। इस राशि के लोगों को ऊँ श्रां, श्रीं, श्रौं स: सोमाय नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।
सिंह: इस राशि के स्वामी सूर्य है। इस राशि के लोगों को ऊँ ह्रां, ह्रीं, ह्रौं स: सूर्याय नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।
कन्या: इस राशि के स्वामी बुध है। इस राशि के लोगों को ऊँ ब्रां, ब्रीं, ब्रौं, स: बुधाय नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।
तुला: इस राशि के स्वामी शुक्र है। इस राशि के लोगों को ऊँ द्रां, द्रीं, द्रौं स: शुक्राय नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।
वृश्चिक: इस राशि के स्वामी मंगल है। इस राशि के लोगों को ऊँ क्रां, क्रीं, क्रौं स: भौमाय नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।
धनु: इस राशि के स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं। इस राशि के लोगों को ऊँ ग्रां, ग्रीं, ग्रौं स: गुरवे नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।
मकर: मकर राशि के स्वामी शनि है। इस राशि के लोगों को ऊँ प्रां, प्रीं, प्रौं, स: शनैश्चराय नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।
कुंभ: इस राशि के स्वामी शनि है। इस राशि के लोगों को ऊँ प्रां, प्रीं, प्रौं, स: शनैश्चराय नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।
मीन: इस राशि के स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं। इस राशि के लोगों को ऊँ ग्रां, ग्रीं, ग्रौं स: गुरवे नम: का जाप करना चाहिए।