सार

कर्ज एक ऐसी चिंता है जो इंसान को जीते-जी आग में जलाती रहती है। कुछ लोग तो कर्ज चुकाते-चुकाते इतने परेशान हो जाते हैं कि उनके मन में नकारात्मक विचार आने लगते हैं। ज्योतिष शास्त्र में कर्ज से जुड़ी अनेक खास बातें बताई गई हैं।

उज्जैन. कर्ज एक ऐसी चिंता है जो इंसान को जीते-जी आग में जलाती रहती है। कुछ लोग तो कर्ज चुकाते-चुकाते इतने परेशान हो जाते हैं कि उनके मन में नकारात्मक विचार आने लगते हैं। ज्योतिष शास्त्र में कर्ज से जुड़ी अनेक खास बातें बताई गई हैं। ज्योतिष शास्त्र में ये भी बताया गया है कि किस नक्षत्र में लिया गया कर्ज चुकाने में परेशानी आती है और किस नक्षत्र में लिया गया कर्ज आसानी से चुका जाता है। आगे जानिए इससे जुड़ी खास बातें…

1. हस्त नक्षत्र में लिया गया ऋण आप कभी भी नहीं चुका सकते। इसे चुकाने गए तो कुछ ना कुछ समस्या आती ही रहेगी और इस नक्षत्र में लिया गया ऋण बढ़ता ही जाता है। इस नक्षत्र में ही यदि ऋण चुकाने का सोच रहे हैं तो अच्छा है क्योंकि ऋण चुकता भी हो जाएगा और समृद्धि और सौभाग्य भी बढ़ेगा।
2. इसी तरह मूल, आद्रा, ज्येष्ठा, विशाखा, कृतिका, ध्रुव संज्ञक नक्षत्र अर्थात उत्तरा फाल्गुनी, उत्तराषाढ़, उत्तराभाद्रपद एवं रोहिणी आदि नक्षत्रों में भी भूलकर कर्ज नहीं लेना चाहिए।
3. वृद्धि योग, द्विपुष्कर योग, त्रिपुष्कर योग में भी लिया गया कर्ज आसानी से चुकता नहीं होता। कभी भी मंगलवार, शनिवार और रविवार को कर्ज नहीं लेना चाहिए।
4. इसी प्रकार बुधवार को किसी को भी उधार नहीं देना चाहिए। इस दिन दिया गया उधार डूब सकता है।
5. वर्ष में 12 संक्रांतियां होती है। उक्त सभी संक्रातियों में कर्ज लेन-देन नहीं करना चाहिए।
6. इसी तरह चर लग्न में कर्जा नहीं देना चाहिए वर्ना वापस नहीं मिलता है। चर लग्न में पांचवें व नौवें स्थान में शुभ ग्रह व आठवें स्थान में कोई भी ग्रह नहीं हो, वरना ऋण पर ऋण चढ़ता चला जाएगा।
7. चर लग्न जैसे मेष, कर्क, तुला और मकर में कर्ज लेने पर शीघ्र ही उतर जाता है, लेकिन इन चर लग्न में कभी किसी को कर्ज नहीं देना चाहिए।