सार

गणेशजी को वक्रतुंड भी कहा जाता है। इस शब्द का अर्थ है मुड़ी हुई सूंड।

उज्जैन. भगवान गणेश का ये भी एक सुन्दर स्वरूप है, जिसमें उनकी सूंड मुड़ी हुई होती है। इस बार 2 सितंबर, सोमवार को गणेश चतुर्थी है। इस दिन घर-घर में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित की जाएगी। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा से जानिए घर में स्थापित गणेश प्रतिमा की सूंड दाएं हाथ की ओर होना चाहिए या फिर बाएं हाथ की ओर-

घर के लिए ज्यादा शुभ होती है बाएं हाथ की ओर सूंड वाली मूर्ति
पं. शर्मा के अनुसार घर में हमेशा बाएं हाथ की ओर की सूंड वाली गणेश प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए। अगर घर के द्वार पर गणेश की मूर्ति लगाना चाहते हैं तो उस मूर्ति की सूंड बाएं हाथ की ओर ही होना चाहिए।

इस मूर्ति से बनी रहती है सकारात्मकता
बाएं हाथ की ओर मुड़ी हुई सूंड वाली प्रतिमा रखेंगे तो घर में सकारात्मकता बनी रहती है। घर में किसी भी जगह पर सीधी सुंड वाली गणेश प्रतिमा भी स्थापित की जा सकती है। ऐसी प्रतिमाएं घर के वातावरण को संतुलित बनाए रखती हैं।

वास्तु दोष दूर करने के लिए ब्रह्म स्थान में रखें गणेशजी की मूर्ति
घर के मध्य भाग को ब्रह्म स्थान कहा जाता है। इस जगह का कारक पृथ्वी तत्व होता है। अगर घर में स्थापित प्रतिमा पीली मिट्टी की हो तो शुभ रहता है। इस तरह हम घर में बाईं ओर की सूंड वाली प्रतिमा स्थापित करें तो उससे घर में उपस्थित कई तरह के वास्तु दोषों का नाश करती है।

दाएं हाथ की ओर सूंड वाली मूर्ति की पूजा आसान नहीं

  • शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि दाएं हाथ की ओर मुड़ी हुई सूंड वाले गणेशजी हठी स्वभाव के होते हैं। इनकी पूजा-पाठ आसान नहीं है। ऐसे गणेशजी की पूजा में किसी भी प्रकार की गलती नहीं होनी चाहिए। ऐसी प्रतिमा की पूजा से गणेशजी देर से प्रसन्न होते हैं।
  • आमतौर पर दाएं हाथ की सूंड वाले गणेशजी को तंत्र विधि से पूजा जाता है। इनकी पूजन विधि बहुत कठिन होती है। इसीलिए आम लोगों को बाएं हाथ की ओर सूंड वाली प्रतिमा की ही पूजा करनी चाहिए।