सार

13 अप्रैल को सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करते ही मल मास खत्म हो गया है।
उज्जैन. मल मास के कारण पिछले एक माह से मांगलिक कार्यों पर रोक लगी थी। अप्रैल, मई और जून में विवाह आदि के शुभ मुहूर्त जरूर हैं, लेकिन लगता है कोरोना संकट के इस समय में ये मांगलिक कार्य आगे बढ़ना ही ठीक रहेगा।
काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्रा ने बताया कि ग्रंथों में भी लिखा है कि महामारी होने पर विवाह और अन्य शुभ कामों को अगले मुहूर्त तक टाल देना चाहिए। इसलिए आने वाले कुछ दिनों तक मांगलिक कार्यक्रम और धार्मिक आयोजन नहीं किए जाने चाहिए।

घर पर ही किए जा सकते हैं शुभ काम
पं. मिश्रा के अनुसार खरमास यानी मीनमास खत्म हो जाने से 16 संस्कार और अन्य शुभ काम किए जा सकते हैं। शुभ मुहूर्त और शुभ दिन में घर पर ही अन्नप्राशन, नामकरण, चूड़ाकर्म, विद्यारंभ और अन्य शुभ काम घर पर ही किए जा सकते हैं। लेकिन इस दौरान कोरोना महामारी होने से विवाह संस्कार को अबूझ मुहूर्त या अगले शुभ लग्न के आने तक नहीं करना चाहिए।

क्या है अबूझ मुहूर्त?
हिंदू पंचांग के अनुसार सालभर में कुछ ऐसी तिथियां और दिन होते हैं जिनमें बिना विचार किए शुभ काम कर सकते हैं। इन मुहूर्त में किए गए काम हमेशा शुभ फल देने वाले होते हैं। अबूझ मुहूर्त में गृह प्रवेश, संपत्ति एवं वाहन खरीदी, विवाह, वाग्दान यानी सगाई, रोका, मुंडन, यज्ञोपवित सहित अन्य शुभ संस्कार किए जा सकते हैं। इनके साथ ही नौकरी, बिजनेस या किसी शुभ काम की शुरुआत भी की जा सकती है।

विवाह के लिए अबूझ मुहूर्त
विवाह और सगाई जैसे मांगलिक कार्यों के लिए अबूझ मुहूर्त को शुभ माना जाता है। अगर किसी के विवाह की तारीख नहीं निकल पा रही है या फिर किसी कारण से शुभ मुहूर्त वाले दिन विवाह करना संभव ना हो तो अबूझ मुहूर्त में भी विवाह किया जा सकता है। धर्मग्रंथों के अनुसार अक्षय तृतीया, बसंत पंचमी और देव प्रबोधिनी एकादशी को अबूझ मुहूर्त माना गया है। विवाह और अन्य मांगलिक कामों को करने के लिए सालभर में ये 3 अबूझ मुहूर्त ही बताए गए हैं।

अबूझ मुहूर्त सहित विवाह के लिए शुभ दिन
अप्रैल: 15, 20, 25, 26, 27
मई: 1, 2, 4, 6, 17, 18, 19
जून: 13, 15, 30
नवंबर: 25, 30
दिसंबर: 7, 9

1 जुलाई से 24 नवंबर तक शुभ मुहूर्त नहीं है।