सार

3 जून से वक्री बुध टेढ़ी चाल से चलते हुए एक राशि पीछे यानी वृष में आ गया है। साथ ही ये ग्रह सूर्य के पास आ जाने से अस्त भी हो गया है।

उज्जैन. बुध ग्रह का असर देश की अर्थव्यवस्था और भौगोलिक स्थिति पर पड़ेगा। बुध की चाल में बदलाव होने से संक्रमण से राहत मिल सकती है, लेकिन खाने की चीजों में महंगाई में बढ़ने की भी संभावना है। इसके साथ ही 12 राशियों पर इसका शुभ-अशुभ असर दिखेगा।

क्या होता है ग्रह का वक्री होना
पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि कोई ग्रह वक्री होता है तो पृथ्वी से कुछ इस तरह दिखाई देता है जैसे वो बहुत धीरे या उल्टी चाल से पीछे की ओर चल रहा है। ज्योतिष ग्रंथों में वक्री ग्रहों का खास असर बताया गया है। डॉ. मिश्र के मुताबिक बुध की चाल में बदलाव होने से मेष, कर्क, सिंह, तुला, धनु राशि वालों के लिए समय शुभ रहेगा। वहीं, मिथुन, कुंभ और मीन राशि वाले लोगों को संभलकर रहना होगा। इनके अलावा वृष, कन्या, वृश्चिक, मकर राशि वाले लोगों पर मिला-जुला असर देखने को मिलेगा।

अब वृष राशि में सूर्य, बुध और राहु का योग
2 जून को मंगल का कर्क राशि में प्रवेश करने के बाद 3 जून से सूर्य, बुध, राहु वृष राशि में होने एवं शनि मंगल का समसप्तक योग कठिनाइयों को लेकर आ रहा है। पश्चिमी देशों में प्राकृतिक आपदा से हानि एवं युद्ध का वातावरण बनेगा। वायदा एवं हाजिर के व्यापार में तेजी आएगी। शनि एवं कर्क राशि स्थित मंगल का समसप्तक योग सीमा प्रांतों पर अशांतिकारक रहेगा।

गुरु ग्रह 20 जून से होगा वक्री
गुरु ग्रह के वक्र गति से चलने के कारण वायुवेग एवं अतिवृष्टि द्वारा प्राकृतिक प्रकोप जन-धन हानि का कारण बनेगा। वक्र गति से चलते हुए गुरु ग्रह 14 सितंबर को अपनी नीच राशि मकर में प्रवेश कर जाएंगे। इस समय गुरु-शनि दोनों ही मकर राशि में स्थित होकर वक्र चाल से चलेंगे। इस योग के प्रभाव से प्राकृतिक आपदा, भूकंप, अग्निकांड, तूफान से जन-धन हानि हो सकती है। खड़ी फसलों को भी नुकसान पहुंचेगा।