सार
देश में लगातार प्राकृतिक आपदाएं आ रही हैं। जहां एक ओर कोरोना के चलते देश में लगातार मौतें हो रहीं थी। उसके बाद ताऊ ते तूफान ने तबाही मचाई। अब बंगाल की खाड़ी से एक नए तूफान के उठने की खबरें आ रही हैं।
उज्जैन. ज्योतिषियों के अनुसार ग्रहों की अशुभ स्थिति के कारण ऐसा हो रहा है। जानिए क्यों बन रही हैं ऐसी स्थिति और कब से इसमें राहत मिलना शुरू हो सकती है…
शनि की राशि में बृहस्पति का अतिचारी होना
बृहस्पति अपने शत्रु ग्रह यानी शनि की राशि यानी कुंभ में अतिचारी हो गया है। ये 20 जून तक ऐसा ही रहेगा। बृहस्पति का अतिचारी होना यानी गुरु का एक राशि में रहने का समय और बढ़ गया है। इस कारण गुरु का अशुभ असर भी बढ़ेगा। गुरु के प्रभाव से देश में महामारी से परेशानी तो रहेगी, लेकिन उसका अशुभ असर धीरे-धीरे कम होता जाएगा। देश में शिक्षा और धार्मिक गतिविधियों में रुकावटों के योग इसी कारण बन रहे हैं।
4 ग्रहों की युति बना रही अशुभ योग
इस महीने की शुरुआत में शुक्र वृष राशि में आ गया था। इससे पहले बुध और राहु इसी राशि में थे। इन तीन ग्रहों के बाद 14 मई को सूर्य भी वृष राशि में आ गया है। अब इन 4 ग्रहों की युति 25 मई तक बनी रहेगी। इन ग्रहों के कारण देश में उथल-पुथल बनी रहेगी। देश की जनता में असंतोष रहेगा। किसी न किसी तरह परेशानी बनी रहेगी। इन ग्रहों के कारण राजनीति और प्रशासनिक अधिकारियों के लिए मुश्किलों वाला समय रहेगा। देश की सीमाओं पर तनाव बढ़ सकता है।
23 मई के बाद बदलेंगे हालात
23 मई से शनि अपनी ही राशि में वक्री हो जाएगा। यानी टेढ़ी चाल से चलेगा। ये ग्रह 10 अक्टूबर तक ऐसा ही रहेगा। शनि के वक्री होने से देश में फैला डर का माहौल खत्म होगा। लोगों में अनुकूलता और आरोग्यता भी बढ़ेगी। शनि के प्रभाव से महामारी के असर में कमी आने की भी संभावना है। लोगों में वायरस से बचाव व दैनिक गतिविधियों में बढ़ोत्तरी होगी। लेकिन खाने की चीजों के दाम बढ़ सकते हैं। गर्मी और लू से लोगों की परेशानियां भी बढ़ सकती हैं। देश के पश्चिमी और पूर्वी हिस्सों में गर्मी का असर ज्यादा रहेगा। कुछ जगहों में तेज हवा के साथ बारिश भी हो सकती है। भारत के पड़ोसी देशो में उत्पात बढ़ने के योग बन रहे हैं। सरकार को आलोचनाओं का सामना करना पड़ेगा।