सार
वर्तमान में धनु राशि में गुरू, केतु, सूर्य और शनि हैं। इन ग्रहों के कारण चतुर्ग्रही योग बन रहा है। इससे पहले धनु राशि में शनि और केतु ही थे। फिर शुक्र के आने से चर्तुग्रही योग बन गया था।
उज्जैन. 6 दिसंबर को सूर्य के वृश्चिक से धनु राशि में आ जाने से ये योग फिर से बन गया है, जो कि अगले महीने मकर संक्रांति तक बना रहेगा।
चतुर्ग्रही योग का प्रभाव
ज्योतिषियों के अनुसार, जब भी दो या दो से अधिक ग्रह एक ही राशि में प्रवेश करते हैं तो इस दौरान कई तरह की अप्रत्याशित घटनाएं होने लगती है। चतुर्ग्रही योग की वजह से प्राकृतिक आपदाएं भी आने की संभावना है। ग्रहों की ऐसी स्थिति से देश में अनचाही स्थितियां बन सकती हैं।
देश में बन सकती है विवादों की स्थिति
- धनु राशि में शत्रु ग्रहों के साथ होने से सूर्य पीड़ित हो गया है। इसके प्रभाव से प्रशासनिक और भौगोलिक बड़े बदलाव होने की संभावना है।
- राहु-केतु के कारण बृहस्पति के भी पीड़ित होने से देश में धार्मिक और सांप्रदायिक विवादों की स्थिति बनी रहेगी। धर्म और संप्रादायों से जुड़े बड़े फैसले हो सकते हैं। इसी से संबंधित बड़ी घटनाएं भी होने की संभावना है।
- शनि भी अपनी शत्रु राशि में स्थित है। शनि के कारण विवाद, झगड़े, तनाव, गलत काम, धन हानि, मेहनत और बीमारियां बढ़ने की संभावना है। राहु-केतु की स्थिति के कारण शनि के शुभ-अशुभ प्रभाव भी प्रबल हो जाएंगे।
- ज्योतिष में राहु-केतु को उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव कहा गया है। इसलिए इन ग्रहों के कारण बड़े मौसमी बदलाव होने की संभावना है। इन ग्रहों के प्रभाव से देश की सीमाओं से जुड़े बड़े फैसले और बदलाव भी हो सकते हैं।