सार

Panchak: हिंदू धर्म में शकुन अपशकुन की मान्यता बहुत पुरानी है। यही कारण है कि जब भी कोई शुभ काम करना होता है तो उसके पहले मुहूर्त जरूर देखा है। ताकि उस शुभ कार्य में किसी तरह की कोई बाधा न आए।
 

उज्जैन. ज्योतिष शास्त्र में कुल 27 नक्षत्र बताए गए हैं। इन सभी की अपनी-अपनी विशेषताएं हैं। इनमें से कुछ नक्षत्रों को बहुत शुभ माना गया है तो कुछ नक्षत्रों को अशुभ। इन नक्षत्रों में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, पंचक (Panchak) भी पांच नक्षत्रों का एक समूह है जिसमें शुभ कार्य करने की मनाही है। पंचक हर महीने में एक बार जरूर आता है। आगे जानिए पंचक में कौन-कौन से नक्षत्र आते हैं और उन नक्षत्रों में कौन-से काम भूलकर भी नहीं करने चाहिए…

कब से कब तक रहेगा पंचक? (When will Panchak start?)
इस बार पंचक की शुरूआत 8 सितंबर, गुरुवार की रात 12.26 से होगी, जो 13 सितंबर, मंगलवार की सुबह लगभग 09.13 तक रहेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पंचक के अंतर्गत धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद, पूर्वा भाद्रपद व रेवती नक्षत्र आते हैं। शुक्रवार को शुरू होने के कारण ये चोर पंचक कहलाएगा।

ये काम न करें पंचक में (Do not do this work in Panchak)
1.
ज्योतिषियों के अनुसार, पंचक के दौरान चारपाई या पलंग नहीं खरीदना चाहिए या बनवाना चाहिए। ऐसा करने से घर में विवाद होने की संभावना बनती है और परिवार के सदस्य बीमारियों से परेशान रहते हैं।
2. पंचक के 5 नक्षत्रों में घनिष्ठा भी एक है। पंचक के दौरान जिस दिन ये नक्षत्र हो, उस दिन घास, लकड़ी और जलने वाली चीजें इकट्ठी भूलकर भी एक स्थान पर इकट्ठा न करें। इससे आग लगने की संभावना बढ़ जाती है।
3. ज्योतिष ग्रंथों के अनुसार, पंचक में दक्षिण दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए, क्योंकि ये यम की दिशा मानी गई है। जो भी व्यक्ति पंचक के दौरान दक्षिण दिशा की यात्रा करता है, उसे कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
4. पंचक के दौरान जब चंद्रमा रेवती नक्षत्र में हो तब घर की छत नहीं बनवानी चाहिए, ऐसा विद्वानों का कहना है। ऐसा करना अपशकुन माना जाता है और इससे धन हानि के योग भी बनते हैं।5. पंचक के दौरान अगर किसी की मृत्यु हो जाए तो किसी योग्य विद्वान की सलाह लेने के बाद ही उसका दाह संस्कार करना चाहिए। नहीं तो निकट भविष्य में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

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