सार

ज्योतिष शास्त्र में पुष्य नक्षत्र को बहुत ही शुभ माना गया है। इस बार 28 अक्टूबर, गुरुवार को पुष्य नक्षत्र का शुभ योग बन रहा है। पुष्य योग गुरुवार के दिन होने से ये गुरु पुष्य योग (Guru Pushya 2021) कहा जाएगा।

उज्जैन. देवगुरु बृहस्पति को पुष्य नक्षत्र का देवता माना गया है। पुष्य नक्षत्र का स्वभाव शुभ होता है। यह नक्षत्र शुभ संयोग निर्मित करता है और इस दिन विशेष उपाय व मंत्र जाप करने से जीवन के हर क्षेत्र में शुभ फल मिलने लगते हैं। दीपावली के ठीक पहले इस नक्षत्र के आने से इस दिन खरीदारी विशेष रूप से की जाती है। इस बार गुरु पुष्य नक्षत्र 25 घंटे 57 मिनिट रहेगा। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग भी बन रहे हैं। 

गुरु पुष्य के शुभ मुहूर्त
इस बार 28 अक्टूबर, गुरुवार को गुरु पुष्य (Guru Pushya 2021) का योग सुबह 09:41 से प्रारंभ होकर दूसरे दिन यानी 29 अक्टूबर, शुक्रवार की सुबह 11:38 तक रहेगा। इसी दिन सर्वार्थसिद्धि योग और रवि योग भी है। इसी दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:42 से दोपहर 12:26 तक रहेगा। विजयी मुहूर्त दोहपर 01:34 से 02:19 तक रहेगा।

गुरु पुष्य योग में खरीदारी होती है अतिशुभ
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार, गुरु पुष्य योग में धन प्राप्ति, चांदी, सोना, नये वाहन, बही-खातों की खरीदारी एवं गुरु ग्रह से संबंधित वस्तुएं ज्यादा लाभ प्रदान करती है। मान्यता है कि इस दिन की गई खरीदारी अधिक समय तक स्थायी और समृद्धि प्रदान करती है। इस दिन की गई सोने अथवा गुरु ग्रह से संबंधित वस्तुए अत्याधिक लाभ प्रदान करती है। पुष्य नक्षत्र पर गुरु, शनि और चंद्र का प्रभाव होता है तो ऐसे में स्वर्ण, लोह (वाहन आदि) और चांदी की वस्तुएं खरीदी जा सकती है। मान्यता अनुसार इस दौरान की गई खरीदारी अक्षय रहेगी। अक्षय अर्थात जिसका कभी क्षय नहीं होता है।

भगवान विष्णु का मिलता है आशीर्वाद
गुरु पुष्य योग में जन्में लोग महान कर्म करने वाले, बलवान, कृपालु, धार्मिक, धनी, कई कलाओं का ज्ञाता, दयालु और सत्यवादी होते हैं। इस नक्षत्र में कई शुभ कार्यों को करना लाभकारी होता है। इस दिन बहीखातों की पूजा करना और लेखा-जोखा कार्य भी शुरू कर सकते हैं। इस दिन से नए कार्यों की शुरुआत करें, जैसे दुकान खोलना, व्यापार करना या अन्य कोई कार्य। इस दिन धन का निवेश लंबी अवधि के लिए करने पर भविष्य में उसका अच्छा फल प्राप्त होता है। 

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