सार
September 2022 Festival calendar: साल 2022 का आठवां महीना अगस्त जल्द ही खत्म होने वाला है और नौवां महानी यानी सितंबर शुरू होने वाला है। इस महीने में कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाएं जाएंग, इसलिए धार्मिक दृष्टिकोण से ये महीना बहुत ही खास रहेगा।
उज्जैन. हिंदू कैलेंडर के अनुसार सितंबर 2022 में भादौ और आश्विन मास रहेंगे। इस महीने के शुरूआती दिनों में 10 दिवसीय गणोशोत्सव मनाया जाएगा। इसके बाद 16 दिनों तक श्राद्ध पक्ष रहेंगे। इसके खत्म होते ही शारदीय नवरात्रि आरंभ हो जाएगी। इस बीच में ऋषि पंचमी, मोरयाई छठ, राधाष्टमी, अनंत चतुर्दशी, इंदिरा एकादशी और पितृ मोक्ष अमावस्या जैसे कई बड़े पर्व भी मनाए जाएंगे। इनके अलावा सितंबर 2022 में और भी कई महत्वपूर्ण व्रत त्योहार आएंगे, जिनकी जानकारी इस प्रकार है…
जानिए सितंबर 2022 में कब कौन-सा त्योहार मनाया जाएगा…
1 सितंबर 2022, गुरुवार- ऋषि पंचमी
2 सितंबर 2022, शुक्रवार- मोरयाई छठ, संतान सातें
3 सितंबर 2022, शनिवार- राधा अष्टमी, महालक्ष्मी व्रत आरंभ
5 सितंबर 2022, सोमवार- तेजादशमी
6 सितंबर 2022, मंगलवार- जलझूलनी एकादशी
8 सितंबर 2022, गुरुवार- ओणम, प्रदोष व्रत
9 सितंबर 2022, शुक्रवार- अनंत चतुर्दशी, व्रत पूर्णिमा
10 सितंबर 2022, शनिवार- श्राद्ध पक्ष आरंभ
13 सितंबर 2022, मंगलवार- अंगारक चतुर्थी
17 सितंबर 2022, शनिवार- महालक्ष्मी व्रत
18 सितंबर 2022, रविवार- जिऊतिया व्रत
19 सितंबर 2022, सोमवार- मातृ नवमी, अविधवा श्राद्ध
21 सितंबर 2022, बुधवार- इंदिरा एकादशी
23 सितंबर 2022, शुक्रवार- प्रदोष व्रत
24 सितंबर 2022, शनिवार- चतुर्दशी श्राद्ध, शिव चतुर्दशी व्रत
25 सितंबर 2022, रविवार- पितृमोक्ष अमावस्या, स्नान-दान अमावस्या
26 सितंबर 2022, सोमवार- शारदीय नवरात्रि आरंभ
29 सितंबर 2022, गुरुवार- विनायकी चतुर्थी व्रत
30 सितंबर 2022, शुक्रवार- उपांग ललिता व्रत
10 सितंबर तक रहेगा भाद्रपद मास
हिंदू पंचांग का छठा महीना भादौ 10 सितंबर तक रहेगा, इसके बाद आश्विन मास आरंभ हो जाएगा। ये दोनों ही महीने धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत खास है क्योंकि ये चातुर्मास के अंतर्गत आते हैं। इन दोनों महीनों में विवाह आदि मांगलिक कार्य करने की मनाही है। 10 दिवसीय गणेशोत्सव भादौ मास में मनाया जाएगा, वहीं 16 दिवसीय श्राद्ध पक्ष आश्विन मास में।
श्राद्ध पक्ष क्यों है खास?
हिंदू धर्म में श्राद्ध पक्ष को बहुत ही खास माना गया है। इन 16 दिनों में रोज अपने मृत पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण आदि करना चाहिए, इससे वे प्रसन्न होते हैं और अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं। जो लोग इन दिनों में श्राद्ध आदि नहीं करते, पितृ उनसे नाराज हो जाते हैं। जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष हो, उन्हें इस दौरान विशेष उपाय करने चाहिए।
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