सार

शकुन शास्त्र भारतीय साहित्य का बहुत प्राचीन ग्रंथ है। इस ग्रंथ में हमारे दैनिक जीवन में होने वाली छोटी-मोटी घटनाओं के संबंध में विस्तृत वर्णन मिलता है।

उज्जैन. कुछ विशेष घटनाओं को शकुन-अपशकुन से जोड़ा गया है। शकुन यानी शुभ और अपशकुन यानी अशुभ। 
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार, यदि कोई शकुन होता है तो सफलता और सुख मिलता है, जबकि अपशकुन होने पर दुख और असफलता मिलने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। इसके साथ ही इस ग्रंथ में कुछ ऐसे अपशकुनों के बारे में भी बताया गया है जो भविष्य में आने वाली किसी बड़ी समस्या के बारे में हमें सूचित करते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे ही अपशकुनों के बारे में बता रहे हैं।

1. अगर आप पूजा कर रहे हैं और इस दौरान भगवान को लगाया गया दीपक अपने आप (पंखे की हवा या अन्य किसी कारण से नहीं) बुझ जाए तो इसे अपशकुन ही मानना चाहिए। ये अपशकुन आने वाले समय में किसी बड़ी समस्या का संकेत हो सकता है।
2. रात के समय घर के बाहर कुत्ते का रोना भयंकर अपशकुन माना जाता है। ऐसे में कुत्ते को घर के आसपास से भगा देना चाहिए।
3. किसी काम के लिए जाते समय बिल्ली का रास्ता काटना भी अपशकुन है। बिल्ली काली हो तो कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
4. घर से निकलते समय कोई पीछे से आवाज लगा दे तो इसे भी अपशकुन ही मानना चाहिए। इससे काम में सफलता नहीं मिलती।
5. घर में दीवार पर टंगी या मंदिर में रखी भगवान की मूर्ति या फोटो अचानक गिर जाए तो इसे भी अपशकुन ही समझना चाहिए।

उपाय
जब भी ये पांच घटनाएं हों तो व्यक्ति को सावधान हो जाना चाहिए। ऐसा होने पर यदि संभव हो तो कुछ देर घर में बैठें और पानी पी कर अपने काम पर जा सकते हैं।