सार
हिंदू धर्म में व्रत-उपवास करने की परंपरा हजारों साल पुरानी है। कुछ व्रत साल में एक बार किए जाते हैं तो कुछ हर महीने। शिव चतुर्दशी (shiv chaturdashi 2022) भी ऐसा ही एक व्रत है।
उज्जैन. शिव चतुर्दशी व्रत हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को किया जाता है। इसे मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri) भी कहा जाता है। इस बार ये व्रत 28 मई, शनिवार को है। इसी दिन से वट सावित्री व्रत का भी आरंभ होगा। धर्म ग्रंथों के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव लिंग रूप में प्रकट हुए थे, इस तिथि पर महाशिवरात्रि का व्रत किया जाता है। उसी क्रम में हर महीने की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत करने का विधान है। आगे जानिए शिव चतुर्दशी व्रत का महत्व, विधि और शुभ मुहूर्त…
जानिए चतुर्दशी तिथि और पूजा के शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ कृष्ण चतुर्दशी तिथि 28 मई, शनिवार को दोपहर 01:09 से शुरू होगी, जो अगले दिन यानी 28 मई, रविवार को दोपहर 02.55 तक रहेगी। चूंकि इस व्रत में पूजा रात में की जाती है, इसलिए चतुर्दशी की पूजा 28 मई, शनिवार को करना ही श्रेष्ठ रहेगा।
इस विधि से करें शिव चतुर्दशी की पूजा विधि
- 28 मई की सुबह जल्दी उठें और स्नान आदि करने के बाद साफ वस्त्र पहनकर व्रत और पूजा का संकल्प लें, इसके बाद पूजा की तैयारी करें। पूजा में उपयोग आने वाली चीजें इस प्रकार हैं…
फूल, फल, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली, जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, आदि।
- इसके बाद घर के मंदिर दीपक जलाएं और सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें। शिवलिंग में गंगा जल और दूध चढ़ाएं। भगवान शिव को पुष्प अर्पित करें। भगवान शिव को बेल पत्र अर्पित करें।
- भगवान शिव की आरती करें और भोग भी लगाएं। भगवान शिव का अधिक से अधिक ध्यान करें। इस विधि से शिवजी की पूजा करें। इससे आपकी जीवन की परेशानियां दूर हो सकती हैं। मान्यता है कि ये व्रत करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं और हर मुश्किल काम आसान हो जाता है।
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