सार
इस बार 26 मई को साल का पहला चंद्रग्रहण होगा। ये ग्रहण वैशाख पूर्णिमा पर लगेगा। चंद्र ग्रहण का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व भी है।
उज्जैन. इस चंद्रग्रहण पर चंद्रमा वृश्चिक राशि में रहेगा और ये ग्रहण दोपहर 2.16 से शुरू होकर शाम करीब 7.21 पर खत्म होगा। ये पूर्ण चंद्रग्रहण है लेकिन शाम को चंद्रमा के उदय होने के बाद भारत में कुछ जगहों पर दिखेगा इसलिए यहां आंशिक चंद्रग्रहण कहलाएगा। जिन जगहों पर ये ग्रहण दिखेगा वहीं इसका सूतक और असर रहेगा। इसके बाद अगला और साल का आखिरी चंद्रग्रहण 19 नवंबर को लगेगा।
कहां-कहां दिखेगा चंद्रग्रहण?
साल का पहला पूर्ण चंद्रग्रहण जो कि भारत में आंशिक तौर से लगेगा। ये देश के उत्तर-पूर्व हिस्सों में दिखाई देगा। सिक्किम को छोड़कर उत्तर-पूर्व हिस्सों और प. बंगाल की कुछ जगहों पर थोड़ी देर के लिए इस ग्रहण को देखा जा सकेगा। इनके अलावा ये दक्षिणी अमेरिका, उत्तरी अमेरिका, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका, प्रशांत महासागर और हिंद महासागर में दिखेगा।
इस साल 2 चंद्र और 2 सूर्यग्रहण
इस साल पहला चंद्रग्रहण 26 मई और दूसरा 19 नवंबर को लगेगा। ये दोनों ही ग्रहण भारत के उत्तर और पूर्वी हिस्सों में दिखेंगे। इनके अलावा इस साल 2 सूर्यग्रहण भी लगेंगे। इनमें पहला 10 जून को और दूसरा 4 दिसंबर को रहेगा। ये दोनों ही भारत में नहीं दिखेंगे। इसलिए इनका असर देश पर नहीं पड़ेगा। इस तरह कुल 4 ग्रहण रहेंगे इनमें दोनों चंद्रग्रहण, एक वलयाकार सूर्यग्रहण और एक पूर्ण सूर्यग्रहण रहेगा।
26 मई को क्या करें?
- चंद्र ग्रहण शुरू होने से पहले नहाना चाहिए। ग्रहण के समय में अपने इष्ट देव या देवी के मंत्रों का जाप करना चाहिए।
- मूर्तियों को हाथ नहीं लगाना चाहिए। ग्रहण के दौरान दान करना चाहिए। न कर पाएं तो दान का संकल्प लेकर अगले दिन दान करना चाहिए।
- ग्रहण के खत्म होने पर घर में गंगा जल का छिड़काव करें। फिर एक बार और नहाएं। ऐसा करने से शुभ फल मिलता है।
- ग्रहण काल में कुछ भी न खाएं-पीएं और न ही सोएं।