सार

21 जून, रविवार को साल का पहला सूर्यग्रहण होगा। ये ग्रहण भारत में दिखाई देगा। इसलिए इसका बड़ा प्रभाव देखने को मिलेगा।

उज्जैन. काशी के ज्योतिषाचार्य पं.गणेश मिश्र के अनुसार देश में दिखाई देने के कारण इस ग्रहण का सूतक माना जाएगा। इस सूर्यग्रहण का अशुभ असर 8 राशियों पर रहेगा और 4 राशि वाले लोग ग्रहण के बुरे प्रभाव से बच जाएंगे। इस ग्रहण के अशुभ प्रभाव से तूफान और भूकम्प जैसी प्राकृतिक आपदाएं भी आ सकती हैं। इस ग्रहण का असर भारत सहित नेपाल, पाकिस्तान, सऊदी अरब, यूऐई, एथोपिया तथा कांगो आदि देशों में भी दिखाई देगा।

ग्रहण और सूतक का समय
ग्रहण काल सुबह 10:31 से दोपहर 2:04 तक रहेगा। जिसका सूतक 20 जून की रात 10:20 से ही शुरू हो जाएगा। सूतक काल में बालक, वृद्ध एवं रोगी को छोड़कर अन्य किसी को भोजन नहीं करना चाहिए। इस दौरान खाद्य पदार्थो में तुलसी दल या कुशा रखनी चाहिए। गर्भवती महिलाओं को खासतौर से सावधानी रखनी चाहिए। ग्रहण काल में सोना और भोजन नहीं करना चाहिए। चाकू, छुरी से सब्जी, फल आदि काटना भी निषिद्ध माना गया है।

ग्रहण का फल
मेष, सिंह, कन्या और मकर राशि वालों पर ग्रहण अशुभ प्रभाव नहीं रहेगा, जबकि वृष, मिथुन, कर्क, तुला, वृश्चिक, धनु, कुंभ और मीन राशि वाले लोगों को सावधान रहना होगा। इसमें वृश्चिक राशि वालों को विशेष ध्यान रखना होगा। कंकण आकृति ग्रहण होने के साथ ही यह ग्रहण रविवार को होने से और भी प्रभावी हो गया है। इस सूर्यग्रहण के दौरान स्नान, दान और मंत्र जाप करना विशेष फलदायी रहेगा।

जरुरतमंद लोगों को करें दान और शुभ काम करने से बचें
सूतक काल में कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है। ग्रंथों के अनुसार सूतक काल में पूजा पाठ और देवी देवताओं की मूर्तियों को भी छूने की मनाही है। इस दौरान कोई शुभ काम शुरू करना अच्छा नहीं माना जाता। सूर्य ग्रहण के अशुभ असर से बचने के लिए प्रभावित राशि वाले लोगों को ग्रहण काल के दौरान महामृत्युंजय मंत्र के जप करना चाहिए या सुन भी सकते हैं। इसके अलावा जरुरतमंद लोगों को अनाज दान करें। ग्रहण से पहले तोड़कर रखा हुआ तुलसी पत्र ग्रहण काल के दौरान खाने से अशुभ असर नहीं होता।