सार

जन्म कुंडली में कुछ ऐसे योग भी बनते हैं जो बताते हैं आपको ससुराल पक्ष से सहयोग मिलेगा या नहीं। ज्योतिष शास्त्र में इस विषय पर भी विशेष शोध किया गया है। ये योग कुंडली के अन्य ग्रह योगों के प्रभाव से बदल भी सकते हैं।

उज्जैन. जन्म कुंडली में कुछ ऐसे योग भी बनते हैं जो बताते हैं आपको ससुराल पक्ष से सहयोग मिलेगा या नहीं। ज्योतिष शास्त्र में इस विषय पर भी विशेष शोध किया गया है। ये योग कुंडली के अन्य ग्रह योगों के प्रभाव से बदल भी सकते हैं। कुंडली के दोषों की वजह से शुभ ग्रहों का असर कम हो सकता है। यहां जानिए कुंडली के ऐसे ही कुछ योग जो ससुराल से लाभ मिलने का संकेत देते हैं…

पहला योग
जिसकी कुंडली में चतुर्थेश (चतुर्थ भाव का स्वामी) या द्वितीयेश (द्वितीय भाव का स्वामी) सप्तम भाव में हो और उस पर शुक्र की दृष्टि या शुक्र साथ हो तो व्यक्ति की ससुराल से लाभ मिलता है।

दूसरा योग
कुंडली में सप्तमेश (सप्तम भाव का स्वामी) एवं धनेश (द्वितीय भाव का स्वामी) एक ही राशि में हो और उन पर शुक्र की दृष्टि पड़ रही हो तो ससुराल से मदद मिलती है।

तीसरा योग
कुंडली में चंद्रमा सप्तमेश (सप्तम भाव का स्वामी) हो या चंद्रमा धन भाव (दूसरा भाव) में हो तो ससुराल धनी होता है।

चौथा योग
द्वितीय भाव का स्वामी सप्तम भाव में हो और उस पर शुक्र की दृष्टि पड़ रही हो तो ससुराल से फायदा मिलता है।

पांचवां योग
कुंडली के चतुर्थ भाव का स्वामी सप्तम में तथा सप्तम भाव का स्वामी चतुर्थ भाव में हो तो ससुराल से लाभ होता है।