सार

इस बार 11 जुलाई, रविवार को पुष्य नक्षत्र का संयोग बन रहा है। ज्योतिष में इसे रवि पुष्य योग कहा जाता है। इस योग में खरीदारी और अन्य शुभ काम करने से फायदा होता है।

उज्जैन. रविवार को सर्वार्थसिद्धि योग भी होने से ये खरीदारी का महामुहूर्त रहेगा। ये साल का ऐसा पहला और आखिरी रवि पुष्य संयोग है जो पूरे दिन रहेगा। इस रविवार को पुष्य नक्षत्र सूर्योदय के साथ शुरू होगा और रात में करीब 2.20 तक रहेगा। इस तरह तकरीबन 9 घंटे तक पुष्य नक्षत्र का प्रभाव होगा। इसके बाद ऐसा संयोग अगले साल 10 अप्रैल को बनेगा जब पूरे दिन रविपुष्य योग रहेगा।

इस दिन खरीदी से बढ़ती है सुख-समृद्धि
- पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र के अनुसार, इस योग में खरीदारी बहुत शुभ फलदायी होती है। रविवार को पुष्य नक्षत्र होने से रविपुष्य योग बन रहा है।
- इस दिन पुष्य नक्षत्र सूर्योदय से शुरू होगा और रात को 2:20 तक रहेगा। इस दिन हीरे के आभूषण, इलेक्ट्रॉनिक, ऑटोमोबाइल, जमीन, मकान, कपड़े और अन्य खरीददारी करने से सुख-समृद्धि बढ़ती है।
- इसके अलावा जमीन, मकान में निवेश करना चाहते हैं तो यह दिन फायदेमंद साबित हो सकता है। वहीं, वाहन, फर्नीचर, ज्वेलरी, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य घरेलू सामान की खरीदारी भी शुभ रहेगी।

क्यों शुभ है ये नक्षत्र?
सोना-चांदी, वाहन और प्रॉपर्टी खरीदने के लिए रवि पुष्य नक्षत्र को पवित्र माना गया है। 12 राशियों में एकमात्र कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा है और पुष्य नक्षत्र के सभी चरणों के दौरान ही चंद्रमा अपनी ही राशि कर्क राशि में रहता है। इसलिए पुष्य नक्षत्र को धन के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है।
ज्योतिष शास्त्र में बताए गए 27 नक्षत्रों में 8वें नंबर पर पुष्य नक्षत्र होता है। ये नक्षत्र गुरुवार और रविवार के दिन होने पर महायोग बनाता है। इसके साथ ही सोम और शुक्रवार के दिन ये नक्षत्र होने से शुभ माना जाता है। इसलिए सभी नक्षत्रों में पुष्य को सबसे श्रेष्ठ माना है। इस नक्षत्र का स्वामी बृहस्पति है। रवि पुष्य योग में मांगलिक कार्य और खरीदारी की जा सकती है।