सार

Hartalika Teej 2022:पति की लंबी आयु के लिए महिलाएं इस व्रत को रखती हैं। यह सबसे कठिन व्रत होता है जो महिलाएं करती हैं। 24 घंटे महिलाओं को बिना अन्न और पानी के रहते हुए इस व्रत को करना होता है। इस पर्व में मेहंदी की खास अहमियत होती है।

लाइफस्टाइल डेस्क. सुहागिन महिलाओं के लिए हरतालिका तीज(Hartalika Teej) का विशेष महत्व होता है। इस बार 30 अगस्त को हरतालिका तीज मनाई जा रही हैं। महिलाएं इस दिन व्रत रखकर पति की लंबी उम्र और वैवाहिक जीवन की खुशहाली के लिए कामना करती हैं। वो निर्जला व्रत करती हैं। सोलह श्रृंगार करके भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करती हैं। इस पर्व में सुहागिनों को मेहंदी लगाना जरूरी होता है। इसके पीछे खास वजह है । चलिए बताते हैं हरतालिका तीज में महिलाएं क्यों लगाती हैं हाथों में मेहंदी।

यूं तो कई सारे पर्व में मेहंदी लगाने का रिवाज है। लेकिन हरतालिका तीज में महिलाओं के हाथों में मेहंदी रचाना शुभ माना जाता है। इसके पीछे की कहानी माता पार्वती के तपस्या और भगवान शिव के प्रसन्न होने से जुड़ा है। पौराणिक कथाओं में कहा गया है कि माता पार्वती भगवान शिव को मन ही मन में अपना पति मान लिया था। उनसे विवाह करने के लिए वो घोर तपस्या की थी। वो भगवान को प्रसन्न करने लिए हाथों पर मेहंदी रचाकर तपस्या में बैठी थीं। उनके हाथों पर मेहंदी काफी रच गई थी।

माता की हथेली पर लाल रंग देख भगवान शिव हुए थे प्रसन्न

जब भोलेनाथ ने माता पार्वती के हथेली पर मेहंगी का लाल रंग देखा तो मोहित हो गए। उन्हें माता के हाथों पर रची मेहंदी बहुत ही प्रिय थी। उन्होंने माता पार्वती के तपस्या को सफल बनाते हुए शादी करना स्वीकार कर लिया।इस तरह मां पार्वती की मनोकामना पूरी हुई। वो भगवान शिव की हमेशा के लिए हो गईं।

मेहंदी में औषधीय गुण होता है

मेहंदी को सुहाग की निशानी माना जाता है। इसलिए महिलाएं इसे अपने हाथों पर रचाती हैं। कहते हैं जिसकी मेहंदी का रंग गाढ़ा चढ़ता है उसके पति की उम्र लंबी होती है। ये भी कहा जाता है कि पति उसे सबसे ज्यादा प्यार करता है। इसलिए महिलाएं जब मेहंदी लगाती हैं तो कई ऐसे उपाय करती है जिससे उनकी मेहंदी रंग गढ़ा चढ़े। मेहंदी में कई औषधीय गुण छुपे होते हैं।  मेहंदी लगाने से शरीर में ठंडक पहुंचती है। मन खुश रहता है।

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