सार

वो कहावत तो आपने सुनी होगी कि "जाको राखे साइयां मार सके ना कोई" यह कहावत 4 साल की उस बच्चे पर एकदम सटीक बैठती है, जिसका हाल ही में फरीदाबाद में 18 घंटे का ऑपरेशन हुआ।

हेल्थ डेस्क: डॉक्टर्स को धरती का भगवान यूं ही नहीं कहा जाता, उन्होंने ना जाने कितने लोगों की जान बचाई है और मरीजों को दूसरी जिंदगी दी है। ठीक इसी तरह से हाल ही में फरीदाबाद के अमृता अस्पताल में एक 4 साल के बच्चे को दूसरी जिंदगी डॉक्टर्स ने दी। दरअसल, यह बच्चा एक रेयर डिजीज के साथ पैदा हुआ था, जिसके चलते उसके फेस में मिडलाइन गैप था और चेहरे का शेप भी बिगड़ गया था। ऐसे में डॉक्टर ने 18 घंटे की रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी की और बच्चे को नया जीवन दिया।

क्या होती है ये बीमारी

डॉक्टरों के मुताबिक, 4 साल के इस लड़के के मिडलाइन फेशियल क्लीफ्ट नामक एक अजीब बीमारी थी। यह बीमारी 10 लाख इंसानों में किसी एक को होती है। इस बच्चे के चेहरे में जो मिडलाइन गैप था, वो खोपड़ी तक फैला हुआ था। इसी कारण दोनों आंखों के बीच लगभग 6.4 सेंटीमीटर की दूरी हो गई थी। इतना ही नहीं लड़के के होंठ, तालू, नाक भी कटे हुए थे। जिस कारण लड़के को बोलने, खाने, देखने में समस्या होती थी। इतना ही नहीं उसे देखकर दूसरे बच्चे मजाक उड़ाया करते थे।

डॉक्टर ने दिया बच्चे को नया जीवन

8 फरवरी 2023 को क्रानियोफेशियल और बाल चिकित्सा न्यूरोसर्जन सहित 10 डॉक्टरों की टीम ने इस बच्चे की सर्जरी की, जो पूरे 18 घंटे तक चली। इस सर्जरी के बाद भी बच्चे को ठीक होने में 2 महीने का समय लगा। डॉक्टर ने बताया कि सर्जरी के बाद 2 से 3 दिन के लिए इस बच्चे को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था, क्योंकि वह अपने आप से सांस तक नहीं ले पा रहा था। बाद में सिटी स्कैन करने के बाद पता चला कि उसके दिमाग के एक हिस्से में ब्लड की सप्लाई नहीं हो रही है और इसके कारण वह अपने शरीर के दाहिने हिस्से को हिला पाने में भी असमर्थ था। डॉक्टर से बताया कि ऐसा सर्जरी के बाद ब्रेन के हैंडल करने की वजह से होता है, लेकिन फिर इसका इलाज किया गया और दिन-ब-दिन बच्चे की स्थिति में सुधार होता गया और अब वो पहले से काफी ठीक है।

डॉक्टर्स को खुदा मानते हैं बच्चे के परिजन

इस बच्चे के परिवार वालों का कहना है कि अब हमारा बेटा ठीक हो रहा है। उसे ठीक तरीके से दिखने भी लगा है, फिजियो और स्पीच थेरेपी भी सही तरीके से चल रही है। डॉक्टर ने उसे घर जाने की अनुमति दे दी है। कुछ समय बाद में वह स्कूल जाना भी शुरू कर देगा। उन्होंने कहा कि डॉक्टर्स ने भगवान की तरह फरिश्ता बनकर हमारे बच्चे को एक नया जीवन दिया है।

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