क्या है Kissing Disease? सही वक्त पर नहीं किया इलाज तो हो सकता है खतरनाक
हेल्थ डेस्क. किसिंग रोग (kissing disease) को संक्रामक मोनोन्यूक्लिओसिस (आमतौर पर मोनो कहा जाता है) के लिए किया जाता है। यह एपस्टीन-बार वायरस की वजह से फैलता है। लार के जरिए ये एक दूसरे में ट्रांसफर होता है।
| Published : Apr 11 2023, 12:24 PM IST
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किस करते हुए या फिर जूठा खाने-पीने से आप इस वायरस के संपर्क में आ सकते हैं। आइए जानते हैं इस बीमारी के बारे में।
किसिंग रोग यानि मोनोन्यूक्लिओसिस सामान्य सर्दी की तरह संक्रामक नहीं है। इतना ही नहीं इसे गंभीर बीमारी के लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है। हालांकि लक्षण तब तक बहुत ज्यादा पेनफुल हो सकते हैं जबतक आप ठीक होना शुरू नहीं करते हैं। इतना ही नहीं इसका इलाज ठीक से नहीं किया गया तो परिणाम खतरनाक हो सकते हैं।
किसिंग रोग से पीड़ित व्यक्ति कई हफ्तों तक डेली एक्टिविटी में हिस्सा नहीं ले पाता है। इलाज के बैगर इसके हल्के लक्षण गंभीर हो सकते हैं।
kissing disease Symptoms
मेयो क्लिनिक के अनुसार, मोनोन्यूक्लिओसिस से जुड़े संकेत और लक्षण कुछ इस तरह हैं-
थकान
गला खराब होना
बुखार
गर्दन और बगल में सूजन लिम्फ नोड्स
सूजे हुए टॉन्सिल
सिर दर्द
त्वचा के लाल चकत्ते
मुलायम, सूजी हुई प्लीहा
किसिंग डिजीज का खतरा किसे अधिक होता है?
मेयो क्लिनिक के अनुसार, छोटे बच्चे और युवा को इस बीमारी का खतरा होता है। छोटे बच्चे को अक्सर लोग किस करते हैं जिसकी वजह से यह बीमारी ट्रांसफर हो सकता है। इसके साथ ही किशोरों और उनके 20 के दशक में लोगों को परेशानी वाले लक्षणों के साथ मोनो होने की सबसे अधिक आशंका होती है। हालांकि, कोई भी व्यक्ति मोनो से संक्रमित हो सकता है, चाहे उसकी उम्र कुछ भी हो।
संक्रमण फैलने से कैसे रोकें
यदि आपको किसिंग डिजिज है तो यह सुनिश्चित करें कि आप किसी और को किस नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा, अपना भोजन, बर्तन, गिलास और बर्तन किसी और के साथ साझा न करें। वायरस के प्रसार को रोकने के लिए नियमित रूप से अपने हाथ धोएं।
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