सार
Alcohol more harmful for women: पुरुषों और महिलाओं के बीच समान शराब की खपत आदर्श नहीं हो सकती है। हमें लिंगों के बीच जैविक अंतर पर विचार करने और इस बारे में अधिक जागरूक होने की आवश्यकता है।
हेल्थ डेक्स : लैंगिक समानता के ढांचे में कुछ चीजें फिट नहीं बैठती हैं। इसका एक आदर्श उदाहरण पुरुष और महिला के शरीर में अल्कोहल का अलग-अलग प्रभाव है। जो कि महिला लिंग के लिए बिल्कुल खिलाफ है। क्योंकि उनके शरीर पर अधिक हानिकारक है और इसके पीछे एक ठोस वैज्ञानिक रिसर्च है। इस रिसर्च का कहना है कि शिक्षा, नौकरियों और अवसरों में लैंगिक समानता के लिए प्रयास कर रहे समाज में यह पहचानना महत्वपूर्ण है कि पुरुषों और महिलाओं के बीच समान शराब की खपत आदर्श नहीं हो सकती है। हमें लिंगों के बीच जैविक अंतर पर विचार करने और इस बारे में अधिक जागरूक होने की आवश्यकता है। इस बारे में हमें ज्ञान होना चाहिए कि महिलाएं इन स्थितियों के प्रति अधिक संवेदनशील क्यों हैं।
महिलाओं में कम होते हैं अल्कोहल को मेटाबोलाइज करने वाले एंजाइम
शोध से पता चला है कि अल्कोहल-चयापचय एंजाइम कैसे होते हैं और लिंगों के बीच कैसे कार्य करते हैं। बीएलके मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन के निदेशक डॉ. दीपक गार्गी पांडे बताते हैं कि कैसे समान मात्रा में शराब पीने के बाद भी महिलाओं में आमतौर पर पुरुषों की तुलना में अल्कोहल का स्तर अधिक पाया जाता है। इसलिए महिलाओं में शराब का प्रभाव अधिक तेजी से होता है और लंबे समय तक रहता है। महिलाओं के शरीर में अल्कोहल को मेटाबोलाइज करने वाले एंजाइम कम होते हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में एंजाइम की गतिविधि कम होती है।
महिलाओं में रक्त में अल्कोहल का स्तर भी शरीर में लंबे समय तक रहता है और जितना अधिक यह शरीर में रहता है, उतना अधिक नुकसान पहुंचाता है। दूसरी तरफ पुरुषों के शरीर में कम फैट और अधिक मांसपेशी लिक्विड की तुलना में महिलाओं के शरीर में अधिक फैट और कम मांसपेशी लिक्विड होता है। यानि अधिक फैट और अधिक पानी का मतलब है कि शराब एक महिला के शरीर में लंबे समय तक बिना चयापचय के रूप में मौजूद रहेगी।
शराब पीने से महिलाओं को होती हैं ये बीमारियां
- महिलाओं को लिवर सिसोरिस की समस्या अल्कोहल पीने से ज्यादा हो सकती है। पुरुषों के मुकाबले महिलाएं इससे ज्यादा पीड़ित होती हैं।
- अल्कोहल महिलाओं को पुरुषों की तुलना में ज्यादा असर करता है इसका असर दिमाग पर भी हो सकता है।
- प्रेग्नेंसी के दौरान अल्कोहल पीने से होने वाले बच्चे को fetal alcohol spectrum disorders (FASD) होने का रिस्क होता है।
- अत्यधिक अल्कोहल का सेवन करने से मिसकैरेज, स्टिल बॉर्न बेबी और कई जन्मजात बीमारियों का खतरा होता है।
- महिलाओं को अल्कोहल ज्यादा पीने से ब्लोटिंग और जरूरत से ज्यादा क्रैम्प्स होने की समस्या भी हो सकती है।
- महिलाओं का अल्कोहल सेवन ब्रेस्ट कैंसर से भी जोड़कर देखा जाता है।
- पीरियड्स के दौरान अल्कोहल पीने से पीरियड ब्लड थिनिंग या फिर एक्स्ट्रा ब्लीडिंग की समस्या सामने आ सकती है जिससे आपको परेशानी बढ़ सकती है।
- पैरों और हाथों में क्रैम्प्स की समस्या भी हो सकती है और ज्यादा अल्कोहल शरीर में वॉटर रिटेंशन भी कर सकता है।
कितनी शराब पी जा सकती है?
द लैंसेट पब्लिक हेल्थ जर्नल में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा प्रकाशित एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, यह कहा गया है कि शराब की खपत का कोई भी स्तर पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है, क्योंकि इसकी थोड़ी सी मात्रा भी किसी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है। सुरक्षित शराब पीने की धारणा त्रुटिपूर्ण है। ऐसे मामले भी देखे गए हैं जहां जिन व्यक्तियों ने केवल एक ड्रिंक का सेवन किया, उनमें अग्नाशयशोथ विकसित हो गया। शराब न केवल लीवर के स्वास्थ्य पर असर डालती है बल्कि अग्न्याशय पर भी असर डालती है।
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