सार
Benefits of eating neem leaves: रोज़ सुबह खाली पेट नीम के पत्ते खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, रक्त शुद्ध होता है, और त्वचा निखरती है। डायबिटीज कंट्रोल, डिटॉक्स और दांतों के लिए भी फायदेमंद।
Neem leaves on an empty stomach: भारतीय चिकित्सा पद्धतियों, विशेष रूप से सिद्ध, आयुर्वेद और यूनानी में, नीम के पेड़ को "स्वास्थ्य का खजाना" माना जाता है।
रोज़ सुबह खाली पेट 5 नीम के पत्ते खाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, रक्त शुद्ध होता है, पाचन क्रिया बेहतर होती है और त्वचा संबंधी समस्याएं दूर होती हैं। आइए, अब नीम के पत्तों (Neem ka patto ko khali pet khane ke fayde) को खाली पेट खाने के कुछ प्रमुख लाभों के बारे में जानते हैं।
1. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है (how to Increases immunity)
रोज़ सुबह 5 नीम के पत्ते खाने से शरीर के अंदर मौजूद विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। यह गैस, सर्दी, वायरल संक्रमण और बैक्टीरिया से होने वाली बीमारियों से बचाता है। हर्बल दवाओं में, नीम के पत्तों का उपयोग रक्त शुद्धिकरण, खांसी, बुखार, संक्रमण और बीमारियों से लड़ने के लिए किया जाता है। बार-बार बुखार, संक्रमण, सर्दी या गले में खराश होने पर, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर है, उनके लिए नीम के पत्ते खाना फायदेमंद है।
2. टॉक्सिंस पदार्थों को बाहर निकालता है (how to removes toxins)
नीम के पत्ते प्राकृतिक डिटॉक्स एजेंट का काम करते हैं। यह लिवर, किडनी और रक्त को शुद्ध करने में मदद करते हैं। खाली पेट नीम के पत्ते खाने से शरीर में मौजूद अतिरिक्त एसिड कम होता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। जो लोग ज़्यादा जंक फ़ूड या केमिकल युक्त खाना खाते हैं, लिवर और किडनी को स्वस्थ रखना चाहते हैं, उन्हें नीम के पत्ते खाने चाहिए।
3. शुगर लेवल कंट्रोल करता है (how to Controls sugar level)
डायबिटीज के मरीज़ अगर रोज़ सुबह खाली पेट नीम के पत्ते खाएं, तो उनका शुगर लेवल नियंत्रित रहता है। नीम के पत्तों में मौजूद कैटरालिन और मार्जोलिन नामक रसायन इंसुलिन उत्पादन को बढ़ावा देते हैं। डायबिटीज से पीड़ित लोग, जो अपने शुगर लेवल को कंट्रोल में रखना चाहते हैं, उन्हें नीम के पत्ते खाने चाहिए।
4. त्वचा की समस्याओं का बेहतरीन उपाय (Neem for skin)
मुंहासे, कालापन, रूसी, तैलीय त्वचा जैसी समस्याएं नीम के पत्तों के डिटॉक्सिफाइंग गुणों से कम होती हैं। नीम के पत्ते खाने से शरीर के विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं और त्वचा में निखार आता है। बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करने में नीम के पत्तों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट मदद करते हैं। जिन लोगों को अक्सर मुंहासे होते हैं, त्वचा की समस्याएं, एक्ज़िमा या खुजली होती है, उन्हें नीम के पत्ते खाने चाहिए।
5. दांतों और मुंह के लिए जरूरी (how to Protects teeth and mouth health)
मुंह की बदबू, मसूड़ों की सूजन और दांतों पर प्लाक जमने से रोकता है। नीम के पत्तों में मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण मुंह के कीटाणुओं को नष्ट करते हैं। मुंह की बदबू से परेशान लोगों, मसूड़ों में सूजन या बार-बार दांत दर्द होने वालों को नीम के पत्ते इस्तेमाल करने चाहिए।
नीम के पत्ते खाने के बेहतरीन तरीके (Best ways to eat neem leaves)
- नीम के पत्तों को पीसकर पेस्ट बनाकर खा सकते हैं।
- ज़्यादा कड़वाहट कम करने के लिए, नीम के पत्तों के पाउडर को शहद के साथ मिलाकर खा सकते हैं।
- नीम के पत्तों का पानी बनाकर पी सकते हैं (पानी में नीम के पत्ते डालकर उबालें और छान लें)।
- खाने के साथ भी (रस, चटनी, भर्ता) खा सकते हैं।
किन लोगों को ज़्यादा नीम के पत्ते नहीं खाने चाहिए? (who should not eat too many neem leaves?)
* गर्भवती महिलाएं - ज़्यादा नीम के पत्ते खाने से गर्भधारण पर बुरा असर पड़ सकता है।
* ज़्यादा मात्रा में नहीं खाना चाहिए - 5-6 नीम के पत्ते ही काफी हैं, ज़्यादा खाने से पेट में अल्सर हो सकता है।
* बच्चों को ज़्यादा मात्रा में नहीं देना चाहिए।