सार
कोविड-19 के कहर ने देश और दुनिया को हिला दिया। अब एच3एन2 इन्फ्लुएंजा ने लोगों की मुसीबत बढ़ा दी है। हाल के दिनों में देश में कोविड और फ्लू दोनों का संक्रमण तेजी से बढ़ा है। सवाल है कि इस दोहरे दुश्मन से कैसे मुकाबला करें और कैसे करें अपना बचाव ?
हेल्थ डेस्क.कोविड वायरस और एच3एन2 इन्फ्लुएंजा एक ही तरीके से हमला करते हैं। दोनों सांस के जरिए शरीर में दाखिल होते हैं और मरीज बना देते हैं। चिंता इसलिए गहरी है क्योंकि ये दोनों बीमारियों एक साथ किसी को भी हो सकती हैं। हो सकता है कि दोनों संक्रमण एक ही मरीज से हो जाए या फिर अलग-अलग रोगियों से भी ये संक्रमण किसी को हो सकता है।
किसे जोखिम ज्यादा?
कोविड-19 वायरस ने सबसे ज्यादा नुकसान उन्हें पहुंचाया जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है। जाहिर है, एच3एन2 भी ऐसे ही कमजोर इम्यून वाले लोगों को अपना शिकार बना रहा है। स्टेरॉयड या इम्यूनोसप्रेसेरिव दवा का इस्तेमाल करने वाले या लिवर, किडनी और दिल की बीमारी वाले मरीजों के लिए इसका खतरा सबसे ज्यादा है। ट्रांसप्लांट सर्जरी करवाने वाले लोगों को भी खास सावधानी बरतनी चाहिए।
जानलेवा मुसीबत का इलाज
कोविड और एच3एन2 के दोहरे संक्रमण वाले मरीजों को सबसे पहले तो एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए। इन वायरल बीमारियों से निपटने के लिए मरीज को सिर्फ अपने लक्षणों का इलाज करवाना चाहिए। भरपूर मात्रा में पानी और आराम जरूरी है। अगर आपको संक्रमित होने का जरा भी अंदेशा होता है तो फौरन डॉक्टर से संपर्क करें। हाई रिस्क वाले मरीजों के लिए जरूरी है कि वे लगातार अपने डॉक्टर के संपर्क में रहें।
जानलेवा हो सकती है लापरवाही
अगर आपको बुखार, खांसी, गले में खराश और दर्द है तो सावधान हो जाइए। अगर दस्त, कमजोरी या शरीर में दर्द है तो भी सतर्क हो जाइए। छींक आना, गंध न आना, कान में दर्द या उल्टी हो रही तो हो सकता है कि आप संक्रमण की चपेट में हैं। इनमें से कोई भी लक्षण होने पर फौरन जांच करवाएं और डॉक्टर के परामर्श का पालन करें। एच3एन2 का संक्रमण कई हफ्तों या महीनों तक रह सकता है। आरटीपीसीआर टेस्ट करवाएं और बिना किसी लापरवाही के सही इलाज करवाएं।
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