सार
Difference Between IVF and IUI treatment: सामान्य तरीके से बच्चे को जन्म न दे पाने पर डॉक्टर्स IVF या फिर IUI ट्रीटमेंट लेने की सलाह देते हैं। दोनों ही ट्रीटमेंट अलग-अलग कंडीशन में लेने की सलाह दी जाती है।
हेल्थ डेस्क: ईशा अंबानी ने हाल ही में एक इंटरव्यू की मदद से IVF के माध्यम से बच्चों के जन्म की बात बताई है। महिलाओं के मन में गर्भधारण के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ट्रीटमेंट को लेकर लेकर अक्सर कई प्रश्न रहते हैं। कई लोगों IVF और IUI ट्रीटमेंट को एक ही मानते हैं। आइए जानते हैं आखिर कैसे IVF और IUI ट्रीटमेंट एक-दूसरे से अलग होते हैं।
क्या होता है IVF ट्रीटमेंट?
आजकल लोगों में इनफर्टिलिटी की समस्या तेजी से बढ़ रही है। प्राकृतिक तौर पर कंसीव न कर पाने वाले कपल्स को IVF ट्रीटमेंट लेने की सलाह दी जाती है।
- इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (In Vitro Fertilization) में महिला के अंडाशय से इंजेक्शन की मदद से एग निकाला जाता है।
- एग का लैब में स्पर्म के साथ फर्टिलाइजेशन प्रोसेस किया जाता है।
- तैयार अच्छे भ्रूण को महिला के गर्भ में डाल दिया जाता है। नौ महीने बाद बच्चे का जन्म हो जाता है।
- IVF ट्रीमटमेंट तब दिया जाता है जब महिला की फैलोपियन ट्यूब खराब हो जाती है या फिर इनफर्टिलिटी से गुजर रही होती है।
- महिला के अंडाशय से एग निकालना दर्दनाक प्रक्रिया होती है। इस प्रोसेस के दौरान समय लग सकता है।
- अच्छी गुणवत्ता के एग और स्पर्म मिलने के बाद ही IVF की प्रोसेस को आगे बढ़ाया जाता है।
- भारत में IVF ट्रीटमेंट का खर्चा देढ़ से 2 लाख तक आता है।
IVF से कितना अलग होता है IUI
IUI यानी इंट्रा यूटेराइन इनसेमिनेशन की मदद से महिला आसानी से कंसीव कर लेती है। इस प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर कैथेटर की मदद से महिला के यूट्रस में स्पर्म डालते हैं। जब पुरुषों का स्पर्म काउंट अच्छा नहीं होता है तो डॉक्टर कपल्स को IUI की मदद से पेरेंट्स बनने की सलाह देते हैं। IVF से कंपेयर किया जाए तो IUI ट्रीटमेंट ज्यादा खर्चीला नहीं होता है। भारत में 6000 से 10000 तक IUI ट्रीटमेंट हो जाता है। कब कौन सा ट्रीटमेंट लिया जाना है यह डॉक्टर जांच के बाद ही बता पाते हैं।
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