सार

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ का रविवार (5 जनवरी) को निधन हो गया। वो एक दुर्लभ बीमारी से पीड़ित थे। जिसकी वजह से उनका ऑर्गन धीरे-धीरे फेल होता गया। आइए जानते हैं उस बीमारी के बारे में।

हेल्थ डेस्क.पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ का रविवार को निधन (Pervez Musharraf Death) हो गया। वो एमिलॉयडोसिस (amyloidosis) से पीड़ित थे। 10 जून को उन्हें यूएई के बड़े अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लंबे वक्त से इस बीमारी से पीड़ित होने की वजह से धीरे-धीरे उनका ऑर्गेन फेल होने लगा। जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। एमिलॉयडोसिस क्या है और इसके लक्षण क्या है आइए जानते हैं।

क्या है एमिलॉयडोसिस

एमिलॉयडोसिस डिजीज में एमिलॉयड (Amyloid) नामक असामान्य प्रोटीन शरीर में बनने लगते हैं। यह शरीर के अंगों में जमा होने लगता है। इसकी वजह से शरीर का अंग काम करना बंद कर देते हैं। यह काफी गंभीर बीमारी होता है। एमिलॉयडोसिस की वजह से किडनी, हार्ट, आंत , लिवर, तंत्रिका, स्किन और सॉफ्ट कोशिकाएं प्रभावित होती है। कई बार यह ऑर्गन फेल की वजह भी बनता है।

कभी-कभी एमिलॉयड पूरे शरीर में जमा हो जाता है। जिसे सिस्टमेटिक एमिलॉयडोसिस कहते हैं। हालांकि शुरुआती स्टेज पर बचा जा सकता है। लेकिन अगर यह समस्या बढ़ जाती है तो फिर ये जानलेवा हो जाती है। इसलिए इसके शुरुआती लक्षण पहचानने जरूरी होते हैं।

एमिलॉयडोसिस के क्या लक्षण है?

इस बीमारी से पीड़ित शख्स में शुरुआती स्तर पर कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। लेकिन जैसे-जैसे यह बीमारी गंभीर होती जाती है वैसे-वैसे लक्षण नजर आते हैं।

-सांस लेने में दिक्कत

-एड़ियों और पैरों में सूजन आना

-वजन का काम होना

-कमजोरी और थकान

-कार्पल टनल सिंड्रोम

-हाथ और पैरों में लगातार झुनझुनी होना

-जीभ बड़ा होना

-आंखों के आसपास चकत्ते होना

-भोजन निगलने में दिक्कत होना

-जोड़ों में दर्द

-डायरिया होना

अगर इनमें से कोई भी लक्षण ज्यादा दिनों तक नजर आता है तो बिना देर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो कभी-कभी इनमें से कोई लक्षण मरीज में नहीं आता। लेकिन अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और सीने में दर्द शुरू हो जाते हैं।

एमिलॉयडोसिस के कारण

एमिलॉयडोसिस एमिलॉयड नामक असामान्य प्रोटीन बनने की वजह से होता है। अस्थि मज्जा में एमिलॉयड बनता है और फिर किसी उत्तक या अंग में जमा हो जाता है। जब बोन मैरो में असामान्य एंटीबॉडी बनता है और टूट नहीं पाता है तो ऐसी स्थिति में एमिलॉयड बनने लगता है। इसके साथ ही रुमेटॉयड आर्थराइटिस के इंफेक्शन और सूजन के कारण भी यह होता है।हेरेडिटरी एमिलॉयडोसिस आनुवांशिक कारणों से होता है ।

एमिलॉयडोसिस के हो सकते हैं ये लोग शिकार

-वैसे तो यह बीमारी किसी को भी हो सकता है। लेकिन जिनकी उम्र 50 साल से अधिक है उन्हें इस बीमारी का जोखिम ज्यादा होता है। महिलाओं से ज्यादा पुरुष इस बीमारी से पीड़ित होते हैं।

-जिनके फैमिली में एमिलॉयडोसिस का हिस्ट्री रहा हो वो उससे प्रभावित हो सकते हैं।

-अफ्रीकी अमेरिकियों को अन्य प्रजाती की तुलना में वंशानुगत एमिलॉयडोसिस का अधिक जोखिम होता है।

-अगर कोई किडनी की बीमारी से पीड़ित है और उसे डायलिसिस की जरूरत होती है, ऐसे लोगों को एमिलॉयडोसिस होने का खतरा होता है।

-अगर किसी व्यक्ति को सूजन या संक्रमण की बीमारी हो चुकी है उसमें भी एमिलॉयडोसिस होने का जोखिम होता है।

एमिलॉयडोसिस का इलाज

एमिलॉयडोसिस का कोई सटीक इलाज अभी तक इजाद नहीं हुआ है। लेकिन कुछ थेरेपी और दवाओं से इसके असर को कम किया जाता है।

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