सार
अक्सर देखा जाता है कि पुरुष कमोड पर बैठकर पेशाब करने की जगह खड़े होकर पेशाब करते हैं, लेकिन हेल्थ के हिसाब से कैसे यूरिन पास करना सही है आइए हम आपको बताते हैं।
हेल्थ डेस्क : यूरिन पास करने से हमारे शरीर के टॉक्सिन बाहर निकल जाते हैं, लेकिन देखा जाता है कि पुरुष अक्सर टॉयलेट में खड़े होकर पेशाब करते हैं। कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर खड़े होकर टॉयलेट करने की वजह बैठकर टॉयलेट करते हैं तो इससे आपको कई फायदे मिल सकते हैं। आइए हम आपको बताते हैं बैठकर पेशाब करने के फायदे...
क्या कहते हैं डॉक्टर
हाल ही में नीदरलैंड्स के डॉक्टरों ने पुरुषों पर की गई रिसर्च में पाया कि जो लोग बैठकर पेशाब करते हैं उन पुरुषों के लिए प्रोस्टेट संबंधित दिक्कतें कम पाए गई, क्योंकि इससे पेशाब ज्यादा फोर्स से निकलता है। इतना ही नहीं खड़े होकर पेशाब करने से पेल्विस और स्पाइन की मसल्स भी सिकुड़ जाती हैं। इसके उलट जो लोग बैठकर पेशाब करते हैं उनके पेल्विस और स्पाइन रिलैक्स हो जाती हैं, जिससे पेशाब करना भी आसान होता है।
बैठकर पेशाब करने के फायदे
डॉक्टरों के मुताबिक, जब आप बैठकर पेशाब करते हैं तो अपने पेट की मसल्स का दबती हैं। इस तरीके से आपका ब्लैडर अच्छी तरह से खाली हो जाता है। वेस्टर्न टॉयलेट की जगह इंडियन टॉयलेट में बैठने से प्रेशर अच्छी तरह से रिलीज होता है, क्योंकि अगर ब्लैडर पूरी तरह से खाली नहीं हो पाता तो यूरिन के ठहराव के कारण यूरिनरी रिटेंशन की समस्या हो जाती है और ब्लैडर में पथरी भी बन सकती है।
इन देशों में खड़े होकर टॉयलेट करने की है पाबंदी
दरअसल, जब पुरुष खड़े होकर पेशाब करते हैं तो इधर-उधर पेशाब गिरने का खतरा बना रहता है, जो हाइजीन के हिसाब से ठीक नहीं माना जाता है। ऐसे में कई यूरोपीय देश जैसे जर्मनी में सार्वजनिक शौचालय में खड़े होकर पेशाब करने पर पाबंदी है। यहां आपको बैठकर ही पेशाब करना पड़ेगा। इतना ही नहीं 2015 में जर्मनी में एक मकान मालिक ने अपने किराएदार पर सिर्फ इसलिए जुर्माना ठोक दिया था क्योंकि वह खड़े होकर पेशाब करता था जिससे उसका बाथरूम का फर्श खराब हो गया था।
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