सार
Who is Aditi Shankar: भारतीय मूल की 8 वर्षीय अदिति शंकर ने ब्रिटेन की मेडिकल हिस्ट्री में नाम दर्ज कराया है और उनका किडनी ट्रांसप्लांट आजीवन दवाओं की जरूरत के बिना किया गया है।
हेल्थ डेस्क: 'जाको राखे साईंया मार सके ना कोय' यह कहावत तो आपने कई बार सुनी होगी। लेकिन यह कहावत ब्रिटेन की रहने वाली भारतीय मूल की 8 साल की अदिति शंकर पर एकदम सटीक बैठती है। वह बचपन से ही एक दुर्लभ जेनेटिक बीमारी से ग्रसित थी, लेकिन हाल ही में अदिति ऐसी पहली बच्ची बनी है जिनका किडनी ट्रांसप्लांट आजीवन दवाओं की जरूरत के बिना किया गया है। दरअसल, ब्रिटेन के डॉक्टर ने इस लड़की के इम्यून सिस्टम को फिर से पुनर्जीवित कर दिया है। ऐसे में किडनी ट्रांसप्लांट होने से उसे किडनी के रिजेक्शन को रोकने के लिए जिंदगी भर कोई भी दवा लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
मेडिकल हिस्ट्री में अदिति शंकर का नाम दर्ज
बताया जा रहा है कि अदिति शंकर एक अनुवांशिक बीमारी से पीड़ित है। इसके लिए अदिति की मां दिव्या का बोन मैरो स्टैंप सेल लेकर ट्रांसप्लांट किया गया। दिव्या ने अपनी 8 साल की बेटी को अपनी किडनी भी दी। यह ट्रांसप्लांटेशन लंदन के ग्रेट ओरमंड स्ट्रीट हॉस्पिटल में किया गया। यहां के डॉक्टर प्रोफेसर स्टीफन मार्क्स का कहना है कि 25 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है, जब किडनी ट्रांसप्लांट के बाद म्यूनोसप्रेशन की जरूरत नहीं है और उन्होंने कहा कि इस ट्रांसप्लांटेशन के बाद अदिति को जीवन भर कोई भी दवा लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
डॉक्टर ने बच्ची के इम्यून सिस्टम को किया रि-प्रोग्राम
लंदन के डॉक्टर का कहना है कि इस बच्ची के इम्यून सिस्टम को किडनी ट्रांसप्लांट करने से पहले रिप्रोग्रामिंग किया गया, इसलिए यह संभव हो पाया है, क्योंकि अदिति ने किडनी ट्रांसप्लांट से 6 महीने पहले अपनी मां का बोन मैरो भी लिया था। बता दें कि अदिति शंकर पिछले 3 सालों से एनर्जी डायलिसिस पर थी, जिसकी वजह से उनकी एनर्जी बहुत लो हो गई थी। किडनी ट्रांसप्लांट के बाद उसकी एनर्जी में बड़ा बदलाव देखने को मिला और अब वह चलने फिरने से लेकर दौड़ और स्विमिंग सब कर पाती हैं।
और पढ़ें- क्या होता है Pacemaker, जानें किन लोगों के लिए है जरूरी